प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ जिला अभियोजन अधिकारी आर.के. खाण्डेगर ने बताया कि आरोपी यासीन खां द्वारा अनुसूचित जाति की नाबालिग अभियोक्त्री के साथ अभद्रता की एवं उसका कई बार पीछा किया। घटना समय दिनांक को बुरी नियत से उसका हाथ पकड़कर जबरदस्ती शादी करने का दबाव बनाया। जिसकी रिपोर्ट अभियोक्त्री ने थाना में की थी। विवेचना की कार्यवाही के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय में विचारण के दौरान आए तथ्यों से एवं अपने तर्को से अभियोक्त्री को नाबालिग प्रमाणित पाया गया। अपराध प्रमाणित पाये जाने पर विशेष न्यायालय, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 (श्रीमती आरती ए शुक्ला) द्वारा आरोपी को धारा- 354 , 354 डी भा.द.वि एवं धारा- 7/8 पाक्सो एक्ट में 3 वर्ष का कठोर कारावास एवं 4000/- रूपये जुर्माने के दण्ड से दण्डित किया गया। गोविंद शाह, उप-संचालक (अभियोजन) के मार्गदर्शन में शासन की ओर से प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक/जिला अभियोजन अधिकारी आर.के. खाण्डेगर द्वारा की गई एवं अंतिम तर्क अखिलेश गंगारे, प्रभारी विशेष लोक अभियोजक द्वारा किया गया। जिसमें विशेष सहयोग लखनसिंह भवेदी, अति. जिला अभियोजन अधिकारी का रहा।