प्रदीप गुप्ता/नर्मदापुरम/ पिछले दिन द्वारिका, शारदा पीठ के अधिश्वर जगतगुरु स्वामी शंकराचार्य जी के देह त्याग और देवलोक गमन ने जहां पूरे विश्व को दुखी किया। वहीं भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने राष्ट्रीय शोक की घोषणा ना करके हिंदू धर्म का अपमान किया है । स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती शंकराचार्य जी, केवल हिन्दू धर्म के सन्त नही थे, वे सनातन धर्म के ध्वजवाहक और प्रतीक भी थे, साथ ही केवल दो पीठों के शंकराचार्य थे और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे । जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिया और क्रांतिकारी बाबा के रूप में प्रख्यात हुए । उन्होंने आजादी के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया और जेल भी गए । युवा कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता शिवराज चंद्रोल ने जारी बयान में कहा कि हमारे देश में ब्रिटेन की महारानी पर राजकीय शोक होता है, देश का तिरंगा झुक जाता है । वहीं दूसरी ओर देश के प्रमुख हस्तियों के देहांत पर भी राष्ट्रीय शोक की घोषणा हो जाती है, किंतु जगतगुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती शंकराचार्य जी के ब्रह्मलीन होने पर राजकीय शोक की घोषणा न करना, भाजपा सरकार की नियत और उनके हिंदू विरोधी होने का प्रमाण है। इसकी उन्होंने कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मुख्यमंत्री से राजकीय शोक घोषित करने का निवेदन किया था। किंतु भाजपा सरकार ने अपनी हठधर्मिता और हिंदू विरोधी होने का परिचय दिया उन्होंने आरोप लगाया क्योंकि शंकराचार्य जी आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भाग लिया था, और सरकार को निष्पक्ष होकर अपनी राय देते थे, और गलत नीतियों की आलोचना भी करते थे। इस कारण भाजपा सरकार उन्हें सम्मान नहीं देना चाहते इस कृत्य की उन्होंने घोर निंदा की है।