बस्ते के बोझ से दबे बच्चों को स्कूल शिक्षा विभाग ने राहत दी है। मध्य प्रदेश में स्कूल बैग पालिसी लागू हो गई है जिसके तहत हर कक्षा के लिए बस्ते का वजन तय है। कक्षा दो तक के बच्चों को गृहकार्य से बाहर रखा गया है। वहीं कक्षा तीन से पाचवीं तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में अधिकतम दो घंटे का गृहकार्य दिया जा सकता है। सिर्फ यही नहीं सप्ताह में एक दिवस बिना बस्ते के बच्चों को स्कूल आना होगा। यह आदेश निजी और सरकारी सभी स्कूलों पर लागू होगा। स्कूलों को नोटिस बोर्ड पर बच्चों को स्कूल लाने वाली किताबों के बारे में जानकारी प्रदर्शित करनी होगी ताकि बस्ते का वजन निर्धारित सीमा से ज्यादा न हो।
ये नियम
– राज्य शासन द्वारा निर्धारित एवं एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठ्यपुस्तक से अधिक पुस्तक बच्चों बैग में नहीं हो।
-कक्षा दूसरी तक के विद्यार्थी को कोई गृहकार्य नहीं दिया जाए। कक्षा तीन से पांच तक के लिए प्रति सप्ताह अधिकतम दो घंटे, कक्षा 6वीं से 8वीं तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन एक घंटे और 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन दो घंटे का गृहकार्य दिया जाए।
-प्रत्येक स्कूल को स्कूल के नोटिस बोर्ड में बस्ते का वजन और चार्ज प्रदर्शित करना होगा स्कूल डायरी का वजन भी बस्ते में जोड़ा जाए।
– स्कूल प्रबंधन समय-सारणी ऐसी बनाए कि जिसमें विद्यार्थियों को प्रतिदिन सभी पुस्तकें, अभ्यास पुस्तिकाएं, कापियां नहीं लानी पड़े। बस्ते का वजन निर्धारित सीमा में रहे।
– स्कूल प्रबंधन कक्षा आठ तक के विद्यार्थियों के लिए अभ्यास पुस्तिकाएं, वर्कबुुक को स्कूल में रखने की व्यवस्था रखी जाए।
-कम्प्यूटर, नैतिक शिक्षा एवं सामान्य ज्ञान की कक्षाएं बिना पुस्तकों के लगाए जाए। स्वास्थ्य,शारीरिक शिक्षा, खेल एवं कला की कक्षाएं भी बिना पुस्तकों के लगाई जाए।
-स्कूल बैग हल्के वजन के हो जो कंधों पर आसानी से फिट हो जाए। स्कूल में ट्राली बैग लाने की अनुमति नहीं होगी।
– पालकों से संवाद के लिए डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल करे।
– सप्ताह में एक दिन बैग के बिना बच्चों को स्कूल बुलाया जाए।
– जिला शिक्षा अधिकारी तीन माह में एक बार औचक जांच कर बस्तों का वजन की जांच करे
ये तय हुआ है वजन-
कक्षा बस्ते का वजन
पहली- 1.6- 2.2 किलोग्राम
दूसरी- 1.6- 2.2 किलोग्राम
तीसरी- 1.7 – 2.5 किलोग्राम
चौथी- 1.7-2.5 किलोग्राम
पांचवीं- 1.7-2.5 किलोग्राम
छठवीं- 2.0-3.0 किलोग्राम
सातवीं- 2.0- 3.0 किलोग्राम
आठवीं- 2.5- 4 किलोग्राम
नौवीं 2.5-4.5 किलोग्राम
दसवीं- 2.5-4.5 किलोग्राम
ग्यारहवीं- बच्चों के विषय के आधार पर शाला प्रबंधन बस्ते का वजन तय करे।
बारहवीं बच्चों के विषय के आधार पर शाला प्रबंधन बस्ते का वजन तय करे।
10-15 किलो निकला बोझ-
स्कूली बच्चों के बस्तों का वजन जब जांचा गया तो कक्षा सातवीं के विद्यार्थी के बस्ते का वजन 10 किलो, आठवीं कक्षा के विद्यार्थी के बस्ते का वजन लगभग 10 किलो और दसवीं के विद्यार्थी के बस्ते का 15 किलो निकला।
निजी और सरकारी दोनों स्कूलों के लिए नीति लागू
निजी और सरकारी दोनों ही तरह के स्कूलों में बैग पालिसी लागू हो चुकी है। निर्धारित वजन से अधिक किताबों को बैग में नहीं रखा जाए यह सुनिश्चित करना स्कूलों की जिम्मेदारी है।