महिलाओं का कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीड़न निवारण अधिनियम पर प्रशिक्षण संपन्न
शिशिर गेमावत ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थित विभाग प्रमुखों एवं आतंरिक परिवाद समितियों के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुये कहा कि समस्त विभाग प्रमुख उनके विभागों में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 का क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। साथ ही महिला सुरक्षा संबंधी शिकायतों का निराकरण प्राथमिकता एवं संवेदनशीलता के साथ करें। श्री गेमावत ने समस्त विभाग प्रमुख उनके अधीनस्थ कार्यालयों में अधिनियम के प्रावधान अनुसार आंतरिक परिवाद समितियों का गठन एवं समिति गठन आदेश एवं वार्षिक रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रेषित करने के निर्देश दिए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास, श्री नयन सिंह द्वारा उपस्थित अधिकारीगणों को प्रशिक्षण की रूपरेखा, अधिनियम के महत्व एवं वर्तमान समय में प्रासंगिकता के बारे में चर्चा की गयी। उनके द्वारा जिले में गठित स्थानीय परिवाद समिति के कार्य एवं उत्तरदायित्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी। तदुपरांत सुश्री वनश्री कुर्वेती, सहायक संचालक, महिला एवं बाल विकास, द्वारा पीपीटी के माध्यम से अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों, कार्यालय प्रमुखों के दायित्वों एवं अधिनियम अंर्तगत व्यथित महिलाओं को प्रावधानित राहत संबंधी धाराओं के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी। उन्होंनें आंतरिक परिवाद समितियों के गठन, स्थानीय परिवाद समिति के गठन एवं परिवाद की जांच के बारे में भी चर्चा की। डॉ. चित्रा प्रभात, प्राचार्य, शा. कन्या महाविद्यालय कटनी द्वारा समितियों के समक्ष परिवाद की जांच के परिपेक्ष्य में आने वाली चुनौतियों, समितियों के कार्य एवं अधिनियम के संबंध में जागरूकता के बारें में चर्चा की गयी।
प्रशिक्षण के अंतिम सत्र में विभाग प्रमुखों एवं समितियों पदाधिकारियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का समाधान अधिकारियों द्वारा किया गया। प्रशिक्षण में डॉ. पूजा द्विवेदी, जिला संयोजक, आदिमजाति कल्याण विभाग, डॉ. आर. के. आठ्या, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पंकज कोरी, जिला पंजीयक, राजयश कुरील, सहकारिता विभाग, शिवेन्द्र चन्द्रवार, सहायक संचालक एवं अन्य विभाग प्रमुख उपस्थित रहें।