कालापीपल(बबलू जायसवाल)शासन के नियम अनुसार यदि परिषद को कोई सा भी काम करना है तो पहले पार्षदों की मीटिंग बुलाकर उनके समक्ष रखा जाता है ओर सबकी सहमति ली जाती है।लेकिन कुछ पार्षदों से बात की गई तो उनका कहना है कि हमें तो मालूम ही नहीं है कि रावण दहन का स्थान परिवर्तन कर दिया गया है।
क्योंकि दो-तीन माह से परिषद की मीटिंग ही नहीं हुई,
शायद सीएमओ /अध्यक्ष पार्षदों को किसी भी काम के बारे में बताना उचित नहीं समझाते,वहां तो दोनों ही अपने हिसाब से निर्णय ले लेते हैं।कई बार हादसे से होने के बाद भी नगर परिषद ने सबक नहीं लिया,महज लग-भग 2.50 मीटर की दूरी पर ही रावण दहन का निर्णय ले लिया गया,बताया जाता कि नगर परिषद में विपक्ष खत्म हो चुका है,जो लोग कांग्रेस से टिकट लेकर पार्षद का चुनाव लड़े थे,वह लग-भग सभी पार्षदों ने बीजेपी के सदस्यता ग्रहण कर ली,कहावत है ना सैया भाऐ कोतवाल तो डर किस बात का,इसलिए अध्यक्ष और सीएमओ अपनी मनमर्जी के हिसाब से नगर परिषद में कार्य कर रहे हैं,सूचना के अधिकार के तहत जानकारी भी समय पर नहीं दी जाती है।और समय निकालने के बाद डाक द्वारा संबंधित को भेजी जाती है।इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं नगर परिषद में गोल-माल चल रहा है। आखिर क्यों ? 45 दिनों में जानकारी दी,क्या सरकार के नियमों से भी बढ़ाके हैं नगर परिषद पानखेड़ी….!
वही तहसीलदार द्वारा बताया गया है कि पूर्व में जिस जगह पर रावण दहन होता था उसे जगह पर पंचायत द्वारा आपत्ति ली गई थी क्योंकि वह पंचायत सीमा क्षेत्र में आता है।इस वजह से अपर कलेक्टर बी एस सोलंकी व मेरे द्वारा नवनी जगह का निरीक्षण किया गया है और सुरक्षा के आवश्यक इंतजाम के निर्देशित किया है।
तहसीलदार कैलाश सस्ताय(कालापीपल)
इनका कहना है।
क्षेत्र में जहां-जहां रावण दहन किया जाएगा,सभी स्थानो पर फोर्स लगाई जाएगी
कालापीपल थाना प्रभारी मनोहर सिंह जगेत