MPNEWSCAST कलेक्टर की ग्रामीणों से अपील सांप या जहरीले कीड़े काटने पर झाड़-फूंक और नीम-हकीम के चक्कर में न पड़ें,इलाज कराने पहुंचेंअस्पताल*
*कलेक्टर की पहल पर खितौली , बहोरीबंद सहित कई अन्य स्थानों मे एंटी स्नेक बाइट जागरूकता कार्यशाला में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा ग्रामीणों को दी गई थी सलाह*
कटनी –
कलेक्टर श्री अवि प्रसाद ने वर्तमान मे गर्मी और उमस के साथ बारिश का मौसम आने की वज़ह से ग्रामीण क्षेत्रों मे सर्पदंश की बढ़ी घटनाओं के मद्देनजर सावधानी के तौर पर नागरिकों से अपील की है कि वे सर्पदंश या जहरीले कीड़े के काटने की घटना होने पर झाड़ -फूंक और नीम-हकीम से मरीज को ठीक कराने के चक्कर मे नहीं पड़ें। कलेक्टर ने बिना समय बर्बाद किए तत्काल मरीज को उपचार के लिए निकटतम अस्पताल पहुंचाने का प्रयास करने का लोगों से आग्रह किया है।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने आग्रह किया है कि सांप के काटने पर झाड़ – फूंक से नहीं बल्कि एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन से ही मरीज की जान बचाई जा सकती है। जिले के जिला चिकित्सालय सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों मे एंटी स्नैक वेनम इंजेक्शन पर्याप्त संख्या मे उपलब्ध है । इसलिए सर्पदंश पीड़ित को यदि समय पर उपचार मिल जाये तो उसकी जान बचाई जा सकती है।
ग्रामीण अंचलों में इन दिनों सर्पदंश और जहरीले कीड़े की काटने की बढ़ी घटनाओं के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कलेक्टर श्री प्रसाद ने आग्रह किया है कि सर्पदंश या अन्य किसी अज्ञात कीड़े के काटने पर बिना समय गंवाए परिजन और पीड़ित व्यक्ति के पड़ोसी, नजदीकी अस्पताल लेकर पहुंचें। कलेक्टर ने गांवों में प्रचलित मिथक की घरेलू उपाय मिर्च या नीम के पत्ते खा लेने से जहर नहीं फैलता जैसी अफवाहों और भ्रांतियों पर अमल से बचें। श्री प्रसाद ने कहा है कि सर्पदंश पीड़ित होने पर व्यक्ति की जिंदगी बचाने के लिए एक- एक सेकंड का समय कीमती होता है। जिंदगी से बढ़कर कुछ नहीं है, इसलिए सभी ग्रामीण भाई सावधान और सतर्क रहें । सर्पदंश और जहरीले कीड़े के काटने के बाद उपचार और बरती जाने वाली सावधानियां ग्रामीणों को शिक्षा और जागरूकता के प्रसार हेतु कलेक्टर अवि प्रसाद की पहल पर विगत दिनों खितौली , बहोरीबंद सहित अन्य स्थानों में आयोजित एंटी स्नेक बाईट जागरूकता कार्यशाला में दी जा चुकी है।
इस दौरान विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ बी.के.सिंह दिखित ने ग्रामीणों को समझाइश दी कि इन दिनों सर्पदंश और जहरीले कीड़े के काटने की घटनायें अधिक हो रही है। इनके काटने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल मे पीड़ित को पहुंचायें। झाड़-फूंक का सहारा न लें। अस्पताल ले जाने पर और समय पर एंटी वेनम इंजेक्शन लगने से सर्पदंश पीडित की जान बचाई जा सकती है।
*सांप काटने के मरीज अधिक*
डाक्टर्स के मुताबिक सांप काटने के केस ग्रामीण क्षेत्र से अधिक आते है। इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी और उमस से आमजन की तरह ही जीव जंतु भी अधिक परेशान है। वे अपने बिलों से बाहर निकलते है और खेतों आदि में काम करने वाले लोग अनजाने में सर्पदंश का शिकार बन जाते है।
*जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचें*
डॉक्टर्स का कहना है कि सांप अगर काट ले तो बिल्कुल भी देर नहीं करे और ना घबरायें। कोशिश करें कि जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचे। सांप कांटने वाली जगह पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ न करें। उस जगह को कपडे से भी न बांधे और न ही सांप के जहर को मुंह से बाहर निकालें।
हर सांप विषैला नहीं होता
काटने वाले सभी सांप विषैले नहीं होते है। इसलिए सर्पदंश पीड़ित को घबराना नहीं चाहिए। सामान्यतः जहरीले सांपों के काटने पर दांतों के दो निशान अलग ही दिखाई देते है। जबकि गैर विषैले सांप के काटने पर दो से ज्यादा निशान हो सकते है। परंतु ये निशान दिखाई नहीं देते है। इसलिए सांप के काटने पर निशान नहीं दिखाई देने पर यह सोचना गलत होगा कि सांप ने नहीं काटा है। सांप के काटने पर करीब- करीब 95 प्रतिशत मामलों मे पहला लक्षण नींद का आना है। इसके साथ ही निगलने या सांस लेने मे तकलीफ होती है। आमतौर पर सांप काटने के आधे घंटे बाद लक्षण दिखाई देने लगते है।