रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम । पुलिस थाना स्टेशन रोड पिपरिया द्वारा आरोपियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही नहीं किए जाने सहित आरोपियों के खुलेआम घूमने और धमकी दिए जाने की गंभीर शिकायत पुलिस अधीक्षक डॉ गुरकरन सिंह से अस्पताल में इलाजरत गंभीर रूप से घायल युवक के पीड़ित परिजन ने की है। पुलिस अधीक्षक से की गई शिकायत में अवगत कराया गया कि प्रार्थी रामफल पिता लीलाधर रघुवंशी(40) निवासी कुम्हाबड तहसील पिपरिया 08 मई 2024 की रात्रि करीब साढ़े 10 बजे पिपरिया से अपने घर आ रहा था। तभी बनवारी रोड पर 6 से ज्यादा लोगों ने एक राय होकर उसके ऊपर अचानक लोहे के पाइप, रॉड से हमला कर दिया। मेरे पास कीटनाशक दवाई व अन्य लोगों को देने के लिए पैसा देने गया था। मगर दुकान बंद होने से पैसा मेरे पास था,जो वापस घर लेकर आ रहा था। उक्त लोगों द्वारा हमला किया गया और मेरे पैसे और मोबाइल भी छुड़ा लिया गया। मेरे साथ अत्याधिक मारपीट की गई और मुझे मरा हुआ समझकर छोड़कर भाग गए। करीब में एक डेढ़ घंटा वहां खून से लतपत बेहोश पड़ा था। मुझे नहीं मालूम की पुलिस को किसने सूचना दी और मुझे अस्पताल में होश आया। पुलिस थाना स्टेशन रोड से आए पुलिस वालों ने एक सादे कागज पर मेरे बयान लिए और डॉक्टर साहब ने गंभीर हालत देखकर नर्मदापुरम रेफर कर दिया। शिकायत में आरोप लगाया गया कि पुलिस थाना स्टेशन रोड द्वारा आरोपियों के खिलाफ उचित कार्यवाही नहीं किए जाने से खुलेआम घूम रहे हैं और धमकी दे रहे हैं कि अभी जिंदा बच गया है आगे नहीं बचेगा। पीड़ित ने हमला करने वालों के नाम नवल रघुवंशी, सोनू रघुवंशी, हनुमत रघुवंशी, भगवान दास, कुणाल रघुवंशी, सुखराम रघुवंशी सभी पिपरिया निवासी बताए हैं। दूसरी तरफ स्टेशन रोड पिपरिया पुलिस द्वारा 14 मई को मधुबन अस्पताल बुधनी जाकर घायल रामफल रघुवंशी की प्रीएमएलसी प्राप्त कर मधुबन अस्पताल आईसीयू में भर्ती फरियादी की रिपोर्ट पर आरोपियों नवल रघुवंशी, सोनू रघुवंशी, हनुमत रघुवंशी, भगवानदास, कुणाल रघुवंशी, सुखराम रघुवंशी के खिलाफ देहाती नालसी के तहत 294, 323, 506, 34 आईपीसी के तहत मामला कायम किया है। इस गंभीर घटना को लेकर अब स्टेशन रोड पिपरिया पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर 08 मई की घटना पर 14 मई को साधारण धाराओं में मामला दर्ज की गई है जबकि अस्पताल के चिकित्सक डॉ.वीरेंद्र राजपूत ने बताया कि गंभीर रूप से घायल का पैर फैक्चर है, दोनों ही हाथों में गंभीर चोट है पसलियां टूटी हुई है, सिर , छाती, जबड़े में गंभीर चोटे आई हैं। अभी इलाज जारी है। मामले को लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता एवं पूर्व शासकीय लोक अभियोजक केके थापक ने बताया कि मामला गंभीर है पुलिस को घटना के बाद ही प्रकरण दर्ज करना चाहिए था। घटना की परिस्थिति को देखते हुए पुलिस को धारा 325, 307 लगाई जाना चाहिए। फिलहाल पीड़ित का इलाज जारी है। वही इलाजरत पीड़ित युवक के बुजुर्ग पिता ने बताया कि उनके पास निजी अस्पताल में इलाज कराने की भी व्यवस्था नहीं है । मेरा यह इकलौता बेटा है जिसे बिना कसूर बेरहमी से मारा पीटा गया है । मैंने पुलिस अधीक्षक महोदय को लिखित आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।