MPNEWSCAST
कटनी। वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्राचार्य डॉक्टर इंद्र कुमार पटेल के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक मंजू द्विवेदी तथा विवेक चौबे के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के क्रम में फलों के अंतर्गत पपीता उत्पादन का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। पपीता में एक वर्ष के भीतर फल प्राप्त होते हैं जिनमें प्रोटीन विटामिन तथा कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं। औषधीय गुणों के कारण पेट हृदय एवं पीलिया रोग में लाभकारी है कच्चे फलों से दूध निकलता है जिसमें एंजाइम्स पाया जाता है जिसे पपेन कहते हैं। पपीता के फलों से जैम जेली मुरब्बा सीरप तैयार किया जाता है। प्रति पौधा 40 से 50 फल प्रतिवर्ष उपज प्राप्त होती है परंपरागत किस्म का 500 ग्राम एवं उन्नत किस्म का 300 ग्राम बीज प्रति हेक्टेयर आवश्यकता होती है। वैज्ञानिक पद्धति से उन्नत कृषि कार्यमाला अपना कर अधिक उपज प्राप्त करने के लिए इसके महत्व जलवायु भूमि उन्नतशील जातियां खेत की तैयारी पौध तैयार करना पौधे लगाना जैविक खाद का उपयोग सिंचाई निंदाई गुड़ाई अंतरवर्तीय खेती फलों को तोड़ना एवं विपणन उपज कीट एवं रोग तथा उनके नियंत्रण का प्रशिक्षण दिया गया।