प्रतिष्ठानों हेतु पंजीयन 7 जून से प्रारंभ
कटनी – राज्य शासन द्वारा मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना प्रारंभ की जा रही है। मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु शनिवार को कलेक्ट्रेट के नवीन सभाकक्ष में कलेक्टर अवि प्रसाद की मौजूदगी में एक आवश्यक बैठक संपन्न हुई।
बैठक में कलेक्टर श्री प्रसाद ने योजना के सभी पहलुओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना रोजगार का अमूल्य अवसर है। युवाओं में क्षमता संवर्धन कर उन्हें पंख देने की योजना है। जिससे युवा खुले आसमान में ऊंची उड़ान भर सकें और उन्हें रोजगार, प्रगति और विकास के नित अवसर मिल सकें। इस योजना से उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिल सकेगा।
बैठक में महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र प्रबंधक श्रीमती ज्योति सिंह चौहान, कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग हरी सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रदीप मुडिया, एन.आर.एल.एम के डी.पी.एम कमलकार मिश्रा, प्राचार्य तिलक महाविद्यालय डॉ सुधीर खरे, प्राचार्य आई.टी.आई रंजीत कुमर रोहितास, प्राचार्य शासकीय पॉलिटेकनिक महाविद्यालय नरेन्द्र वरखेडकर तथा सुधीर कुमार मिश्रा सचिव मध्यप्रदेश लघु उद्योग संघ, मनीष गेई अध्यक्ष जिला उद्योग संगठन, हरिसिंह भदौरिया अध्यक्ष लधु उद्योग भारती कटनी, संजय तीर्थानी अध्यक्ष लमतरा उद्योग एसोशिएशन, अध्यक्ष चेंबर आफ कामर्स, डायरेक्टर एस.सी.सी लिमिटेड कैमोर सहित अन्य उद्योगपतियों एवं प्रतिष्ठानों से जुडे सदस्यों की मौजूदगी रही।
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री सीखो- कमाओ योजना में युवाओं को प्रशिक्षण देने वाले प्रतिष्ठानों का पोर्टल http://mmsky.mp.gov.in पर ऑनलाइन पंजीयन 7 जून से और काम सीखने के इच्छुक युवाओं का पंजीयन 15 जून से शुरू होगा। प्लेसमेंट 15 जुलाई से आरंभ होगा। कार्य सिखाने वाले प्रतिष्ठान और राज्य शासन के बीच 31 जुलाई से अनुबंध की कार्यवाही होगी। एक अगस्त से युवा, कार्य आरंभ कर देंगे। कार्य से सीखने की अवधि में युवाओं को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
*18 से 29 वर्ष के युवा होंगे पात्र*
योजना में कम से कम एक लाख युवाओं को प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा। मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी, 18 से 29 वर्ष के युवा, जिनकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं अथवा आईटीआई या उच्च है, वे योजना में पात्र होंगे। प्रशिक्षण के बाद मध्य प्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा स्टेट कॉउसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (SCVT) का प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। योजना से युवाओं को प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड मिलेगा, कौशल उन्नयन से उनके रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और कमाई का बेहतर मार्ग प्रशस्त होगा।
*8 से 10 हजार रूपए तक होगा स्टाइपेंड*
इस दौरान कलेक्टर श्री प्रसाद ने बताया गया कि योजना से देश और प्रदेश के प्रतिष्ठित औद्योगिक तथा निजी संस्थानों को जोड़ा जाएगा। प्रतिष्ठान के पास पैन नंबर और जीएसटी पंजीयन होना आवश्यक होगा। प्रतिष्ठान अपने कुल कार्यबल के 15 प्रतिशत की संख्या तक छात्र प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण दे सकेंगे। योजना में 12वीं उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थियों को 8 हजार रूपए, आईटीआई उत्तीर्ण को 8 हजार 500 रूपए, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9 हजार रूपए और स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता वालों को 10 हजार रूपए प्रतिमाह स्टाइपेंट दिया जाएगा। स्टाइपेंड की 75 प्रतिशत राशि राज्य शासन की ओर से प्रशिक्षणार्थी को डीबीटी से भुगतान की जायेगी। संबंधी प्रतिष्ठान को निर्धारित न्यूनतम स्टाइपेंड की 25 प्रतिशत राशि प्रशिक्षणार्थी के बैंक खाते में जमा करानी होगी।
*प्रशिक्षण हेतु 703 कार्य क्षेत्र चिन्हित*
योजना में प्रशिक्षण हेतु 703 कार्य-क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं। इसमें विनिर्माण क्षेत्र, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, प्रबंधन, मार्केटिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, ट्रेवल, अस्पताल, रेलवे, आई.टी. सेक्टर, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट, बैंकिंग, बीमा, लेखा, चार्टर्ड एकाउंटेंट और अन्य वित्तीय सेवाओं से जुड़े प्रतिष्ठानों को जोड़ा जाएगा। मीडिया, कला, कानूनी और विधि सेवाएँ, शिक्षा-प्रशिक्षण तथा सेवा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठान भी योजना में सम्मिलित होंगे। योजना से प्रशिक्षणार्थियों को उद्योग उन्मुख प्रशिक्षण, नवीनतम तकनीक और प्रक्रियाओं में दक्षता प्राप्त होगी, जिससे उनके नियमित रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।