कटनी – सीईओ जिला पंचायत शिशिर गेमावत के निर्देश पर जिले के सभी विकासखण्डोंं में संचालित गौशालाओं में से एक-एक गौशालाओं में बायोगैस का निर्माण कराया जा रहा है जिनके संचालन कर्ता स्वसहायता समूहों एवं पंचायत प्रतिनिधियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन जिला पंचायत सभागार में गत दिवस बुधवार को किया गया । प्रशिक्षण में प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित संतोष फुलोके एस ई डब्लू एम०पी०एग्रो बालाघाट द्वारा बायोगैस या गोबर गैस क्या है, कितने प्रकार का होता है, संचालन कैसे किया जाता है, इससे क्यार-क्या, फायदे हो सकते हैं , क्यास सावधानी बरतनी चाहिये इत्यादि की विस्तार से जानकारी दी गई । साथ ही यह भी बताया गया कि इससे बिजली की बचत होगी, कृषि कार्य के लिये उत्कृष्ट खाद प्राप्त होगी जिससे फसलों का उत्पादन बढ़ेगा व मिटटी की उर्वरा शक्ति में वृद्वि होगी । जिला परियेाजना प्रबंधक ग्रामीण आजीविका मिशन शबाना बेगम द्वारा गौशाला संचालन कर्ता एजेन्सी स्वसहायता समूहों एवं पंचायतों को अपना कार्य समझकर समाज व प्रकृति के हित के लिये बायोगैस बन जाने पर उसका उचित रखरखाव, विधिवत सुरक्षा व व्यवस्थित संचालन करने की बात कही गई । स्वच्छ भारत मिशन के जिलासमन्वयक कमलेश सैनी द्वारा प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि बायोगैस निर्माण के समय संचालनकर्ता सदस्य उपस्थित रहकर अपेक्षित सहयोग कर पूर्ण करावे जिससे शीघ्र संचालन प्रारम्भ कराया जा सके । सभी गौशालाओं में बायोगैस निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। आजीविका मिशन के युवा सलाहकार मों उमर महबूब द्वारा बताया गया कि गोबर गैस से निकलने वाली खाद में पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है । इस खाद का उपयोग मछली पालन, मशरूम उत्पादन व अन्य फसलों के उत्पादन बढाने में किया जाता है । बायोगैस से बनने वाली खाद को प्रयोग करने से रासायनिक खादों का प्रयोग घटेगा जो हमारी आय वृद्धि में सहायक होगा । प्रशिक्षण के दौरान प्रभारी जिला प्रबंधक कृषि ग्रामीण आजीविका मिशन कटनी राम सुजान द्विवेदी ने बताया कि गौशालाओं को बेहतर, व्यवस्थित, सुरक्षित संचालन व आत्मनिर्भर तथा आयमूलक बनाने के उद्देश्य से गौशालाओं में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां संचालित की जानी है इसी कडी में स्वच्छ भारत मिशन की गोवर्धन योजना अंतर्गत जिले में 06 बायोगैस सयंत्रों का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन व मनरेगा योजना के आर्थिक सहयोग से कराया जा रहा है जिसमें जनपद पंचायत ढीमरखेडा के ग्राम भूला, कटनी के ग्राम- छहरी, बहोरीबंद के ग्राम पडवार, विजयराघवगढ के ग्राम पथरहटा, रीठी के ग्राम जमुनिया व बडवारा के ग्राम पठरा की गौशला शामिल है । जिनमें पठरा गौशाला का संचालन पवन स्वसहायता समूह, पडवार गौशाला का संचालन लक्ष्मी स्वसहायता समूह व जमुनिया गौशाला का संचालन पूर्णिमा स्व सहायता समूह द्वारा किया जा रहा है तथा ग्राम भूला, पथरहटा, छहरी गौशाला का संचालन पंचायतों द्वारा ही किया जा रहा है ।
एन आर एल एम के जिला प्रबंधक एन आर एल एम की जिला प्रबंधक ने बताया गया कि प्रशिक्षण के बाद सभी प्रशिक्षणार्थियों का एक्सपोजर/अध्ययन सह भ्रमण कार्यक्रम रीठी ब्लॉक के ग्राम अमगवॉ में मथुरा प्रसाद पटेल के यहॉ कराया गया । जिनके द्वारा बताया गया कि हमारे यहॉ विगत अनेक वर्षो से बायोगैस का संचालन किया जा रहा है जिससे भोजन निर्माण व प्रकाश की व्यॉवस्था तथा खेतों के लिये उत्कृष्ट खाद भी प्राप्त हो रही है । घर की महिलाओं को धुएं की समस्या से निजात मिली है । उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण व एक्सपोजर में स्वसहायता समूह सदस्य, सचिव, रोजगार सहायक, आजीविका मिशन के जिला व ब्लॉक टीम के सदस्य शामिल रहे हैं ।