कटनी। बीज अंकुरण से लेकर पौधों में भोजन बनाने की प्रक्रिया से लेकर अन्य सभी प्रक्रियाओं के लिए जल की आवश्यकता होती है अच्छे तथा स्वस्थ फसल के लिए सिंचाई आवश्यक है। वर्षा नदी झील तालाब नहर कुंए नलकूप आदि सिंचाई के स्रोत हैं नदियां झील सिंचाई के प्राकृतिक तथा नहर कुए नलकूप सिंचाई के कृत्रिम स्रोत हैं। सिंचाई के पारंपरिक तरीकों के अंतर्गत मोट चैन पंप रहट एवं ढेकली तथा सिचाई के आधुनिक तरीकों के अंतर्गत विद्युत पंप डीजल पंप एवं स्प्रिंकलर तथा टपक सिंचाई के उपयोग से पानी की बचत की तकनीकी जानकारी का प्रशिक्षण दिया गया। इसके अतिरिक्त पौध प्रसारण के अंतर्गत बीज एवं वानस्पतिक प्रसारण की विधियां तथा बायोडायनेमिक कृषि के अंतर्गत अग्निहोत्र की विधि तथा उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय कटनी में व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत विद्यार्थियों को प्राचार्य डॉ सुधीर खरे के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक डॉ वीके द्विवेदी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा विद्यार्थियों को दिया जा रहा है।