जानकारी अनुसार बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश सरकार के निर्देशानुसार पर हर ग्राम पंचायत स्तर पर संत शिरोमणि रविदास जयंती बड़े ही धूम धाम से मानने के लिए आदेश जारी किया गया था इसके साथ ही रीठी जनपद पंचायत क्षेत्र मैं संत रविदास जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई गई ।
समस्त चौधरी व अन्य समाज के संत रविदास भक्त लोगो ने संत रविदास के चित्र पर माल्यार्पण तिलक किया
साथ ही प्रसाद का वितरण करने के साथ साथ बैंड बाजा के साथ नाचते गाते संत रविदास की जयकारा लगाते हुए शोभायात्रा नगर के प्रमुख मार्गो का भ्रमण करते हुए निकाली गई ।
आपको बता दें कि
संत शिरोमणि कवि रविदास का जन्म माघ पूर्णिमा को 1376 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर के गोबर्धनपुर गांव में हुआ था। उनकी माता का नाम कर्मा देवी (कलसा) तथा पिता का नाम संतोख दास (रग्घु) था। रविदासजी चर्मकार कुल से होने के कारण वे जूते बनाते थे। ऐसा करने में उन्हें बहुत खुशी मिलती थी और वे पूरी लगन तथा परिश्रम से अपना कार्य करते थे।
संत रविदासजी बहुत ही दयालु और दानवीर थे। संत रविदास ने अपने दोहों व पदों के माध्यम से समाज में जातिगत भेदभाव को दूर कर सामाजिक एकता पर बल दिया और मानवतावादी मूल्यों की नींव रखी। रविदासजी ने सीधे-सीधे लिखा कि ‘रैदास जन्म के कारने होत न कोई नीच,,,
नर कूं नीच कर डारि है,ओछे करम की नीच,,।
यानी कोई भी व्यक्ति सिर्फ अपने कर्म से नीच होता है। जो व्यक्ति गलत काम करता है वो नीच होता है। कोई भी व्यक्ति जन्म के हिसाब से कभी नीच नहीं होता। संत रविदास ने अपनी कविताओं के लिए जनसाधारण की ब्रजभाषा का प्रयोग किया है।
हरिशंकर बेन