सीमा कैथवास की रिपोर्ट –
नर्मदापुरम । स्वामी विवेकानंद की जन्मदिवस युवा दिवस पर आदर्श महिला क्लब ने संगोष्ठी का कार्यक्रम स्थानीय नेहरू पार्क में किया सर्व प्रथम स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर माल्यार्पण किया। तदुउपरॉंत
सभी सदस्यों ने अपने अपने विचार रखे । वैसे भी स्वामी विवेकानंद जी के आदर्श जीवन को आध्यात्मिकता की ओर ले जाते है संबोधन में नीरजा फौजदार ने कहा। स्वामी विवेकानंद जी आध्यात्मिक भारतीय संस्कृति के शीर्ष पुरूष, हिन्दुत्व की प्रेरणा रहे हैं। साथ ही उनके कथन कुछ इस प्रकार रहे हैं कि “ जितना बड़ा संघर्ष होगा, जीत उतनी ही शानदार होगी “ ।
श्वेता जैन ने कहा उनका एक कथन भी काफी प्रचलित है “ तुम जैसा सोचोगे, वैसा ही बन जाओगे। संध्या मंहत ने कहा कि खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है , उनका यह कथन दिल को छू जाता है । नीता ओशीन ने भी बात को आगे बढा़ते हुये कहा बहुत ही शुभ दिन था जब वे इस भारत की भूमि पर स्वामी जी का जन्म हुआ। 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में स्वामी जी का जन्म हुआ। रचना मस्ते ने कहा स्वामी जी को नरेन्द्र के नाम से जाना जाता था । उनके पिता का नाम विश्वनाथ दत्त ओर मॉं का नाम भुवनेश्वरी देवी था। सारिका जैन ने कहा उनके पिता वकालत करते थे बचपन से उनको ज्ञान मिला वो कहते थे जब तक आप अपने आप पर विश्वास नही करते तब तक आप भगवान पर भी विश्वॉस नही कर सकते। कल्पना जैन ने कहा स्वामी जी ने धार्मिक शिक्षा के विकास का प्रमुख उद्देश माना। इस तरह सभी सदस्यों ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए। आयोजन में संरक्षक संध्या मंहत, नीरजा फौजदार , श्वेता जैन , नीता ओशीन , रतना मस्ते , ज्योति जैन , सारिका जैन , अनीता जैन, अरमान जैन , , संगीता डेरिया , प्रीति मंहत , नम्रता मंहत , भावना चावरा, कामनी गिल्ला , भारती शर्मा, सौमी जैन आदि उपस्थित रहे। अंत में अनीता संदीप जैन ने आभार माना ।