कटनी/बिलहरी…
एक ओर जहां शिक्षा विभाग शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है वहीं दूसरी ओर पदस्थ शिक्षक शैक्षणिक कार्य में रुचि न लेकर जिले में अपने को संलग्न करके विद्यार्थियों का नुकसान कर रहे हैं।
शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिलहरी में गरीब, हरिजन, आदिवासी, पिछड़े एवं अनारक्षित वर्ग के छात्र छात्रा अपने उज्जवल भविष्य के सपनों के साथ यहां पर पढ़ाई कर रहे हैं।
इस विद्यालय में कक्षा 9वी में 164, कक्षा दसवीं में 96, कक्षा 11 वीं गणित विषय में 14 कक्षा 12वीं में 18 छात्र छात्रा गणित दर्ज है।
स्थान के अभाव में कक्षा 9वी में 2 सेक्शन संचालित है।
शेष एकल कक्षाओं के साथ अध्यापन कराया जा रहा है।
कुल मिलाकर गणित विषय की 5 कक्षाएं विद्यालय में संचालित है।
गणित विषय के अध्यापन हेतु 2 शिक्षकों की नियुक्ति है किंतु विवेक दुबे शिक्षक जो लगभग 10 वर्षों से अधिक समय तक निरंतर बीआरसी के रूप में कार्य किए जाने के पश्चात इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त की जा चुकी है।
जिनकी वर्तमान में पदस्थापना बिलहरी शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में अध्यापन हेतु की गई है किंतु विवेक दुबे विद्यालय में रहते ही नही हैं। इस आशय के आरोप बिलहरी के समाजसेवी विनोद शंकर शर्मा ने लगाए हैं।
विनोद शंकर का आरोप है कि विवेक दुबे को गैर शैक्षणिक कार्य में अधिकारियों द्वारा रखा जाता है।
विनोद शर्मा ने कलेक्टर को एवं संयुक्त संचालक शिक्षा एवं अन्य पदाधिकारियों को पत्र लिखकर विवेक दुबे को बिलहरी में अध्यापन हेतु यथाशीघ्र भेजने हेतु पत्र लिखा है।
विनोद दुबे का कहना है कि गणित विषय का अध्यापकन कार्य प्रभावित हो रहा है जिसके कारण शिक्षक विनोद दुबे को शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल बिलहरी में तत्काल शैक्षणिक कार्य हेतु निर्देशित किया जाए।
बता दें कि शासन के निर्देशों के तहत अटैचमेंट पहले से ही बंद है लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते उक्त शिक्षक को जिले में या अन्य जगहों पर किस नियम के तहत रखा जा रहा है।
रिपोर्टर हरिशंकर बेन