शासन चाहे जितने भी योजनाओं के तहत लाखो रुपए खर्च करके, ग्राम विकास के कार्य करवाए । परंतु सरपंच सचिव की मनमानी से रस्म अदायगी का विकास ही लोगो नजर आता है ।
ऐसा ही कुछ मामला कटनी जिले की रीठी जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत तिलगवा का प्रकाश में आया । जहा गुप्ता एग्रो साल्ट के नाम से ₹7000 एवं नायक इंटरप्राइजेज के नाम ₹15000 का बिल ,बिना विवरण और बिना सरपंच और सचिव के हस्ताक्षर व शील के बिना जारी किया गया । सोचने वाली बात यह है कि इस पूरे मामले में आडिट करने में उपयंत्री भी शामिल हैं । जबकि नियमाअनुसार बिल में आवश्यक जानकारी जैसे कि बिल का प्रकार, विवरण, राशि, और भुगतान की जानकारी शामिल होनी चाहिए
। बिलों पर सरपंच और सचिव के हस्ताक्षर जरूरी हैं। सरपंच और सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर से ग्राम पंचायत के बिलों को वैध माना जाता है । क्योंकि वे ग्राम पंचायत के वित्तीय लेनदेन को नियंत्रित करते हैं. सरपंच ग्राम पंचायत का अध्यक्ष होता है और सचिव ग्राम पंचायत के कामकाज को व्यवस्थित करने में मदद करता है. इसलिए, ग्राम पंचायत के बिलों पर सरपंच और सचिव दोनों के हस्ताक्षर होने चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बिलों की प्रक्रिया सही तरीके से हो रही है ,या नहीं । साथ ही नियम 36 के ग्राम पंचायत को मामूली मामलों को खारिज करने की शक्ति प्रदान करता है। उसके बावजूद भी ग्राम पंचायतो कमीशन की लालच से ऐसे कई फर्जी बिल लगाए जा रहे है । जो कभी उजागर नही हो पाते । और
इतनी भ्रष्टाचारी हो रही हैं कि उच्च अधिकारी मौन धारण किए हुए बैठे हैं ।
वही इस संबंध मैं जनपद पंचायत रीठी मुख्य कार्यपालन अधिकारी चंदूलाल पनिका का कहना है कि, बिना सील साइन के बिल पास करवाना गलत है ।
कोई भी बिल पास करवाने में सरपंच सचिव की दस्तक व शील होना अनिवार्य है। यदि ऐसा है तो इसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
हरिशंकर बेन