कालापीपल(बबलू जायसवाल)स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्राम पंचायतों को ओडीएफ प्लस बनाने के उद्देश्य से शासन द्वारा करोड़ रुपए खर्च कर सामुदायिक स्वच्छता परिसर बनाए गए हैं,कालापीपल जनपद पंचायत के अंतर्गत कुल 31 पंचायतों में सामुदायिक स्वच्छता परिसर बने हुए हैं,लेकिन इनमें से अधिकांश का उपयोग नहीं हो रहा है।ग्रामीणों का कहना है कि शासन ने लाखों रुपए खर्च किए,लेकिन इससे जनता को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा,ज्यादातर परिसर बेकार पड़े हैं और रखरखाव के अभाव में उनकी हालत खराब हो रही है,कुछ जगह परिसरों के बंद होने की वजह पानी की कमी है,ग्रामीणों का कहना है कि सामुदायिक स्वच्छता परिसर गांव से थोड़ी दूरी पर बनाए गए हैं,जो सही है,लेकिन वहां पानी की व्यवस्था तक नहीं की गई,प्रशासन ने परिसर तो बनवा दिए,लेकिन पानी कनेक्शन और टंकी की व्यवस्था करना भूल गया,खास बात यह है कि पंचायत वाले इनके ताले तक नहीं खोलते,वहीं अधिकारियों को तो यह भी नहीं पता की कहां-कहां उपयोग हो रहा है और कहां नहीं।
यह सामुदायिक स्वच्छता परिसर महिलाओं के लिए बना है,लेकिन ताला लगा होने से उपयोग ही नहीं होता है।
“शासन के एक परिसर पर 3.44 लाख रुपए का खर्च किया”
कालापीपल जनपद के अंतर्गत 31 गांवों में बने सामुदायिक स्वच्छता परिसर पर 1 करोड़ 66 लाख रुपए से ज्यादा खर्च हो चुके हैं।प्रत्येक परिसर पर 3.44 लाख का खर्च है,ये मनरेगा स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण और पंचायतों को मिलने वाले 15 वें वित्त आयोग के फंड से बनाए गए हैं,2.10 लाख रुपए स्वच्छ भारत मिशन 44 हजार मनरेगा और 90 हजार रुपए पंचायत के बजट से दिए जाते हैं,निर्माण एजेंसी पंचायतें ही हैं,