कालापीपल(बबलू जायसवाल)कालापीपल नगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कालापीपल खण्ड आरएसएस द्वारा शारीरिक प्रधान कार्यक्रम का आयोजन हिंदू नव वर्ष गुड़ी पड़वा के अवसर पर सहारा पब्लिक हाई सेकंडरी स्कूल प्रांगण में किया गया,कार्यक्रम का उद्देश्य संघ कार्य के विस्तार और स्वयंसेवकों में अनुशासन,समरसता एवं शारीरिक दक्षता को बढ़ावा देना था,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक परम पूज्य डॉक्टर केशव राव बलिराम हेडगेवार जी की जयंती पर खंड के सभी स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में आद्य सरसंघचालक प्रणाम किया, कार्यक्रम में खंड सरसंघचालक जे.पी शर्मा,महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 कल्याण दास जी महाराज एवं मुख्य वक्ता विभाग सह कार्यवाह विभाग सतीश शर्मा उपस्थित रहे।
“स्वयंसेवकों का अनुशासन बद्ध प्रदर्शन”
नगर के नागरिकों की उपस्थिति में स्वयंसेवकों ने दंड प्रयोग गण समता और सामूहिक समता का प्रभावी एवं अनुशासनबद्ध प्रदर्शन किया।इस दौरान स्वयंसेवकों ने विभिन्न शारीरिक गतिविधियों का प्रदर्शन कर अपनी क्षमता और अनुशासन का परिचय दिया जिससे नगरवासियों में संघ कार्य के प्रति जागरूकता और प्रेरणा का संचार हुआ।
•संघ की स्थापना और उद्देश्य पर विस्तृत चर्चा•
मुख्य वक्ता सतीश शर्मा ने हिंदू नव वर्ष के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसी दिन डॉक्टर हेडगेवार जी का जन्म दिवस भी होता है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना,उसके उद्देश्य और इसके ऐतिहासिक विकास पर भी चचर्चा की,उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का परिचय देते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयादशमी के दिन नागपुर में डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी।इसकी स्थापना का उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना,राष्ट्रीय चेतना को जागृत करना और भारत को एक शक्तिशाली एवं आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में विकसित करना था,डॉ.हेडगेवार एक प्रखर राष्ट्रभक्त थे और उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी भाग लिया था।वे यह अनुभव कर चुके थे कि हिंदू समाज विभिन्न जातियों,वर्गों और संप्रदायों में बंटा हुआ है, जिससे उसकी शक्ति कमजोर हो रही है,उन्होंने महसूस किया कि यदि समाज संगठित नहीं हुआ तो यह बाहरी आक्रमणों और आंतरिक विघटन के कारण कमजोर पड़ता जाएगा,इसी सोच के आधार पर उन्होंने एक ऐसे संगठन की नींव रखी,जो हिंदू समाज को संगठित कर राष्ट्र की सेवा में तत्पर कर सके,संघ की शाखा में मानव निर्माण होता है,हमें हिंदू जीवन शैली पर गर्व करना चाहिए और यह नव वर्ष संकल्प लेने का दिन है,उन्होंने संघ की स्थापना की पृष्ठभूमि और उद्देश्य पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि संघ समाज में एकता,राष्ट्रप्रेम और अनुशासन को मजबूत करने का कार्य कर रहा है,उन्होंने बताया कि संघ अपने समरस अभियान के तहत सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने हेतु गाँवों में एक श्मशान एक जलाशय और एक पूजा स्थल की अवधारणा को साकार कर रहा है,साथ ही पांच परिवर्तन पर भी सभी स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं,कार्यक्रम का संचालन मुख्य शिक्षक अरविंद मेवाड़ा ने किया।