इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के गुंदारा आदर्श भागवत कमेटी द्वारा ग्रामीणों व क्षेत्र वासियों के सहयोग से चल रही श्रीमद् भागवत कथा के आज अंतिम दिन कथा वाचक शिवकुमार शास्त्री ने भक्तों को कथा सुनाते हुए बताया कि जब भगवान कृष्ण और सुदामा दोनों बचपन में संदीपन गुरु के यहां पाठशाला में पढ़ रहे थे तब गुरु माता ने एक दिन लकड़ी तोड़ने के लिए जंगल में भेजो गुरु माता ने समय अधिक होने के कारण सुदामा को दो मुट्ठी चना दिए कि यदि जंगल में समय अधिक हो जाए तो दोनों लोग मिलकर चना चवा लेना जंगल में जब बारिश होने लगी और पूरा दिन बीत गया तब सुदामा ने कृष्ण से पेड़ पर लकड़ी तोड़ने को कहा पेड़ पर चढ़ गए इसके बाद नीचे खड़े सुदामा ने दोनों मुट्ठी चना धीरे-धीरे चबा लिए जब कृष्ण ने पूछा तो सुदामा ने कहा कि ठंड से हमारे दांत खटखटा रहे हैं जिसके बाद कारण भगवान ने कहा तूने एक मित्र से झूठ बोला क्या तू दरिद्र और गरीब हो जा दरिद्र और गरीबता की जिंदगी जलते जलते एक दिन सुशील ने अपने बचपन के मित्र कन्हैया से सुदामा को मिलने द्वारिका भेजो काफी विनय अनुनय के बाद सुदामा कन्हैया जी से मिलने द्वारिका गए जैसे ही सुदामा का नाम सुना कृष्ण भगवान गाड़ी से उठकर भाग खड़े हुए और आंसुओं से उनके पैरों को धुला और गले लगा लिया जब से ग्रहण सुदामा की मित्रता देश भर में प्रसिद्ध हो गई इस मौके पर सैकड़ो भक्त मौजूद रहे कल विशाल भंडारे का आयोजन कियाजाएगा