रिपोर्ट चंद्रिका यादव चंदौली
12,02,2025
श्रीकृष्ण सुदामा दोस्ती की मिशाल-लालजी महराज
चहनिया चन्दौली।
क्षेत्र के हरनजूड़ा मोलनापुर गांव में चल रहे सात द्विवसीय श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन कथा वाचक श्री लालजी महाराज जी द्वारा भगवान श्रीकृष्ण के बाल सखा का विस्तृत वर्णन किया गया। श्री स्वामी जी ने बताया भगवान श्रीकृष्ण बचपन में बहुत सी लीलाये की जिसमें से श्रीकृष्ण सुदामा की दोस्ती एक मिशाल है। श्रीकृष्ण व सुदामा सामाजिक मर्यादाओं को लेकर अपने-अपने तरीके से सर्तक व सजग थे। श्रीकृष्ण जहां राजा थे वही सुदामा निर्धन व गरीब ब्राम्हण लाख गरीबी का दंश झेलते रहे लेकिन अपने मित्र कृष्ण के यहॉ बदनामी के कारण नही गये। लेकिन पत्नी बच्चों के असहनीय पीड़ा व पत्नी के ताना भरी बात से तंग आकर सुदामा जी श्रीकृष्ण के यहंा गये और जैसे ही श्रीकृष्ण ने देखा की मेरा बचपन का सखा मेरे द्वार आया है तो वह तुरन्त उसी बचपन के भाव में नंगे पाव दौड़ते लड़खड़़ाते हुए अपने मित्र के यहॉ पहुच गये और मित्र को बड़े ही आदर संग अपने महल में ले आये। वही स्वामी जी ने आज के समाज के उपर तंश कसते हुए कहा कि आज का मित्र, मित्र के जान का दुश्मन बना बैठा हुआ है। कब मौका पाये कब गरदन काट दे ऐसा नही होना चाहिए हमारे वेदों, पुराणांे, अध्यात्मों, संतांे से सीख लेकर उसी पर चलने का अनुशरण करें। ताकि सामाजिक सामजस्य व संतुलन बना रहे। कथा समाप्ति के पश्चात प्रसाद का वितरण किया गया। इस दौरान संतोष यादव, छोटू मिश्रा, लालचंद यादव, दिना यादव, बबलू यादव फौजी, बलवंत यादव फौजी, मनोज यादव, शिवकुमार गॉड, धर्मेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे।