रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। जिला मुख्यालय स्थित सरकारी अस्पताल में अब शायद मरीज भगवान भरोसे ही रह गया है। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि रात को स्टाफ अपना जन्मदिन ढोल बाजे के साथ मनाता है और ड्यूटी डॉक्टर ढोल बाजे पर नाचते नजर आ जाए तो इसे क्या कहेंगे? दूसरी तरफ ऐसी घटना से जिला अस्पताल में भर्ती मरीज,नवजात शिशु, प्रसूता महिलाएं,अन्य बीमारी के मरीज हलाकान होते रहे, इसी दौरान एक डॉक्टर और मरीज के परिजनों में पैसों के लेनदेन पर विवाद भी सामने आया। जिला अस्पताल में रविवार देर रात्रि बज रहे ढोलबाजों के शोरगुल पर वार्ड 6 के जुझारू पार्षद राजेंद्र उपाध्याय तक
लोगों ने सूचना पहुंचाई। जिसके बाद पार्षद उपाध्याय ने सिटी कोतवाली सूचना दी, तब नाइट ड्यूटी ऑफिसर एएसआई गोपाल पाल ने पुलिस टीम अस्पताल भेजकर ढोलबाजे वालों को अस्पताल से भगाया और मामला शांत कराया। इस घटना के बाद रात में सिवनीमालवा से आए युवक की बुजुर्ग मां के इलाज के लिए डॉक्टर द्वारा ₹1000 लिए जाने के बाद रेफर करने की जानकारी पर विवाद हो गया। तब यह मामला पार्षद राजेंद्र उपाध्याय तक पहुंचा। उन्होंने बुजुर्ग के इलाज में हर संभव मदद कराई। सोमवार को बुजुर्ग महिला के बेटे कोटला गांव निवासी रामनिवास प्रजापति ने सिविल सर्जन को शिकायत कर पूरी घटना से अवगत कराया। रामनिवास प्रजापति ने बताया कि वह सिवनी मालवा के कोटला ग्राम के रहने वाले हैं उनकी माता जी की तबीयत खराब होने पर सिवनी मालवा अस्पताल से जिला अस्पताल लाए थे, मेरी माता को भर्ती कर लिया और उसके बाद डॉक्टर अजय सिंह राठौड़ द्वारा मुझे बुलाकर कहा गया कि तुम्हारी माताजी सीरियस है भोपाल ले जाना पड़ेगा ,उसके लिए ₹1000 दे दो, मैंने कहा मैं गरीब मजदूर हूं ₹500 ले लो मगर डॉक्टर साहब नहीं माने मेरे द्वारा हजार रुपए दिए गए उसके बाद रात 12:00 बजे मुझे बुलाया कहा कि तुम्हारा रेफर पर्चा अभी नहीं बनाऊंगा क्योंकि तुमने मुझे ₹500 वापस ले लिए और मेरे साथ हाथापाई और गाली-गलौज की गई डॉक्टर साहब रात में नशे की हालत में जिला अस्पताल के कंपाउंडर मनीष का जन्मदिन गाजा बाजा और ढोल पार्टी बना रहे थे। 1:00 बजे तक ढोल बाजे पर डांस करते रहे जिससे अस्पताल के मरीज परेशान होते रहे। मेरी मां की तबीयत बहुत खराब है उचित कार्यवाही करते हुए डॉक्टर अजय सिंह पर कार्यवाही की मांग भी की है। घटना को लेकर पार्षद राजेंद्र उपाध्याय ने बताया कि जिला अस्पताल में मरीजों के हाल अत्यंत खराब है।चिकित्सक स्टाफ मरीजों पर ध्यान नहीं देता है। अस्पताल रेफर केंद्र बनकर रह गया है और यहां पर अवैध वसूली और ब्लड बेचने का गोरखधंधा चल रहा है। मेरे द्वारा रात्रि घटित पूरी घटना की जानकारी विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा सहित पीयूष शर्मा को दी गई है। अजय सिंह की माता जी के इलाज के लिए भी मेरे द्वारा डॉक्टर से आग्रह किया गया है कि परिवार अत्यंत गरीब है आर्थिक हालत खराब है ऐसी स्थिति में जिला अस्पताल में ही बेहतर इलाज किया जाए। अभी अभी रामनिवास की माता जी इलाज रत है । पूरी घटना से एक बार फिर जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि अस्पताल में इलाज कराने आने वालों के साथ ड्यूटी डॉक्टर किस प्रकार वार्ड बाय और अस्पताल का स्टाफ खुलेआम प्रताड़ित करता है और जवाबदार अधिकारी इन पर कोई संज्ञान नहीं लेते हैं जो की जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करते हैं??