दरअसल, यह मामला कालूखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव लसुड़िया नाथी का है। बताया जा रहा है कि प्रेमा पति मुकेश डिलीवरी के लिए मायके लसुड़ियानाथी आई थी। डिलीवरी के बाद वह करीब एक साल गांव में रह रही थी। 17 अगस्त की रात प्रेमा घर में ही अपनी 10 महीने की बच्ची तनु के साथ सो रही थी। जब उसकी रात 12 बजे नींद खुली तो बच्ची पास में नहीं थी। घर का दरवाजा अंदर से बंद था, लेकिन खिड़की खुली हुई थी। प्रेमा ने रात में अपने पति, पड़ोसियों, रिश्तेदारों को बताया। जिन्होंने रात में पुलिस को भी सूचना दी थी। जिसके बाद से पुलिस मासूम बच्ची की लगातार तलाश कर रही थी।
इस मामले को लेकर एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तार के लिए 1 लाखर रुपए का ईनाम घोषित किया गया था। पुलिस ने पहले दिन पूछताछ के लिए दसरथ भील को पकड़ा था, लेकिन उसके खिलाफ ठोस सुराग नहीं मिलने से उसे छोड़ दिया गया था। दशरथ इसी का फायदा उठाकर अपनी ससुराल राजस्थान के प्रतपागढ़ जिले के गांव हथूनिया भाग गया था। वहां जाकर वह सबसे दूर एक विरान मकान में छुपकर रह रहा था।
पुलिस को जांच में जब दशरथ के ऊपर शंक हुआ तो पुलिस ने कालूखेड़ा, मंदसौर, नीमच, प्रतापगढ़ के कई संदिग्ध स्थानों पर दबिश दी, लेकिन आरोपी कहीं नहीं मिला। इसके बाद रतलाम पुलिस ने राजस्थान पुलिस को भी जानकारी दी। इस बीच रविवार दोपहर को हथुनिया थाने के कांस्टेबल सुरेश मीणा को सूचना मिली कि आरोपी एक सूने मकान में छिपा है। कांस्टेबल मौके पर पहुंचा तो दशरथ ने भागने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों ने उसे घेर लिया और धर दबोचा।
इसके बाद आरोपी को रतलाम लाया गया। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपना जुर्म कबूल किया। आरोपी के निशानदेही पर पुलिस ने कुएं से मासूम के शव को बरामद कर लिया है और पंचनाम कर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवा दिया है। वहीं अब सोशल मीडिया पर आरोपी को कड़ी सजा के साथ इनकाउंटर करने की मांग उठ रही है। दूसरी ओर खारोल समाज के लोगों ने भी सोमवार सुबह कालूखेड़ा थाने पर एकत्रित होकर आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है।
बांछड़ा समुदाय के जागरूक युवक-युवतियों ने भी आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने बताया कि पिछले 8 दिन से जहां पुलिस बच्ची के गायब होने पर सर्वाधिक शंका उन्हीं के समाज के लोगों पर की जा रही थी। मानव तस्करी की शंका पर उनके घरों के आसपास पुलिस तैनात थी। लेकिन अब सच सामने आने पर आरोपी के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाए।