गरीब मरीज के लिए जीवनदान के साथ वरदान साबित हुआ,15 दिन से फंसी लकड़ी को निकालने डॉ ने की जटिल सर्जरी…
रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। नर्मदा अपना अस्पताल एक बार फिर गरीब मरीज के लिए जीवनदान के साथ वरदान साबित हुआ। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल नर्मदा अपना अस्पताल के चिकित्सकों ने एक बार फिर योग्यता से दर्शा दिया कि कैसे जटिल से जटिल सर्जरी को किया जा सकता है। दरअसल 15 दिन पूर्व गडरिपुरा सिवनी मालवा निवासी प्रहलाद दायमा पिता देवी उम्र 13 वर्ष बच्चा निर्धन परिवार से है वह बकरी चराने जंगल गया हुआ था घर आकर उसने बताया कि उसे बकरी ने सींग मार दिया है जिससे उसके जबड़े में चोट आ गई है। प्राथमिक उपचार सिवनी मालवा के अस्पताल में किया गया फिर वह 10 दिन तक भोपाल घूमता रहा इस बीच प्रहलाद के गाल से मवाद आना शुरू हो गया जिससे उसे खाने-पीने और बोलने में तकलीफ होने लगी। नर्मदा अपना अस्पताल के डॉ राजेश शर्मा,डॉ गौतम बैनर्जी, जनरल सर्जन डॉ अनूप सक्सेना, निश्चेतना विशेषज्ञ एवं डॉ बृजेश, तौसीफ खान, पीटर मीणा, राजेश रघुवंशी , ज्योति मोहन गढ़वाल,परवीन खान सहित ओटी टीम ने लगभग 2 घंटे तक की सर्जरी में बच्चे के गाल से लेकर कान तक सींग या उसके अंश को ढूंढा परंतु डॉक्टर्स की टीम भी तब हैरान रह गई जब देखा कि दो से ढाई इंच की एक लकड़ी का टुकड़ा कान के समीप फंसा हुआ है। जिसे निकालना काफी कठिन था काफी विचार विमर्श के बाद उसकी सफलता पूर्वक सर्जरी कर उक्त लकड़ी के टुकड़े को निकाला गया। निर्धन होने के कारण उक्त गरीब बच्चों की अत्याधिक न्यूनतम दर पर सर्जरी की गई। इस तरह से विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम और मानवीय सेवा के अपने लक्ष्य को नर्मदा अपना अस्पताल ने पूरा किया।