देखिऐ पूरी रिपोर्ट मनीष गौतम 9993205230
अपराध की गम्भीरता देखकर लिया फैसला। मामले में राज्य
सरकार से 4 हफ़्तों में मांगा विस्तृत जवाब | अवैध
फीस वसूली पर गिरफ्तार किए गए हैं 11 स्कूलों से
जुड़े 21 आरोपी ।
निजी स्कूल संचालकों को राहत नहीं हाईकोर्ट ने खारिज की जांच कार्यवाही और गिरफ्तारी पर
रोक लगाने की मांग 8 अवैध फीस वसूली को लेकर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के 11
स्कूलों से जुड़े 21 आरोपियों के खिलाफ पुलिस
में एफआईआर दर्ज की, जिसके बाद पुलिस ने
सभी को गिरफ्तार करते हुए कोर्ट में पेश किया,
कुछ लोगों को जेल भेजा गया, जबकि कुछ
गुरुवार तक पुलिस रिमांड में थे। स्कूल संचालकों ने पुलिस की जांच कार्रवाई
और गिरफ्तारी पर रोक को लेकर हाईकोर्ट में
याचिका दायर की, जिस पर गुरुवार को सुनवाई
हुई। हाईकोर्ट ने स्कूल संचालकों के द्वारा
अभिभावकों से मांगी गई अतिरिक्त फीस को
गंभीर माना है, ऐसे में अब 11 स्कूलों के 21
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने की
बात भी कही है। कोर्ट ने मामले पर सुनवाई
करते हुए अवैध फीस वसूली में आरोपी बनाए
गए निजी स्कूल संचालकों को राहत देने से
इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट में स्कूलों की ओर
से कहा गया कि एफआईआर दर्ज हो चुकी है
और वो जांच में सहयोग करने तैयार हैं लेकिन
उन पर पुलिस कार्रवाई न की जाए। इधर शासन
की ओर से कोर्ट को बताया गया कि स्कूलों ने
अवैध रूप से अतिरिक्त फीस ही नहीं वसूली है,
बल्कि बुक सेलर्स से सांठगांठ कर फर्जी किताबें
सिलेबस में लगाने का अपराध भी किया है, जो
कि बच्चों का भी अनहित करने जैसा है।
सरकार की ओर से यह भी कहा गया कि
आरोपी स्कूल संचालकों और उनके गठजोड़ पर
पुलिस कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वो जांच
को प्रभावित कर सकते हैं क्योंकि पुलिस और
प्रशासन को अभी उनके स्कूलों से और भी कई
दस्तावेज जब्त करने हैं।
अगली सुनवाई 4 हफ्तों बाद
इन तमाम दलीलों को सुनने के बाद हाई।।
कोर्ट जस्टिस विशाल धगट की कोर्ट ने निजी
स्कूल संचालकों को राहत देने से इंकार कर
दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि ये अपराध बेहद
गंभीर है और जांच शुरुआती दौर में है,
लिहाजा अभी पुलिस और प्रशासन की
कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।
हालांकि हाईकोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान
राज्य सरकार से कार्रवाई को लेकर पूरा
विस्तृत जवाब मांगा है। कोर्ट ने अब इस
मामले पर अगली सुनवाई 4 हफ्तों बाद, यानी
जुलाई में तय की है।