डाॅ. संतोष जाटव, एडिशनल डायरेक्टर, जबलपुर संभाग के मार्गदर्शन में महाविद्यालय की भारतीय ज्ञान परंपरा समिति द्वारा उच्च शिक्षा विभाग म.प्र. भोपाल के प्रायोजन से किया गया। जिसका विषय, प्राचीन ज्ञान की खोज: भारतीय ज्ञान प्रणाली के रहस्यों को उजागर करना है।
वेबिनार का शुभारंभ प्राचार्य डाॅ. चित्रा प्रभात द्वारा माॅ वीणापाणी को पुष्प समर्पण एवं दीप प्रज्वलित कर प्राचार्य द्वारा कार्यक्रम की सफलता के शुभ वचनो से किया गया। उन्होने हमारी भारतीय परंपरा वसुधैव कुटुंबकम एवं वेद एवं राष्ट्रीय चिंतन पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात वेबीनार संयोजक डाॅ. प्रज्ञा अग्रवाल, आई.के.एस. प्रकोष्ठ प्रभारी द्वारा वेबीनार के उद्देश्य से परिचित कराया गया उनके अनुसार वेद, उपनिषद, पुराण आदि ज्ञान के खजाने है जिनका विज्ञान वर्तमान से कही अधिक उन्नत हैं। इस वेबीनार के द्वारा युवाओं को संस्कृत सीखने के लिए पे्रेरित कर हमारी ज्ञान परंपरा के रहस्यों का उजागर करने के लिए प्रेरित करना हैं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डाॅ. इला घोष पूर्व प्राचार्य शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय कटनी द्वारा वेदो के बारे में बात की गयी और युवाओं का आवाहान किया कि वे संस्कृत को जीवन का अभिन्न अंग बनाकर हमारी ज्ञान परंपरा का जन-जन तक पहुचाए ।
इस कार्यक्रम के प्रथम मुख्य वक्ता डाॅ. बाल देवानन्द सागर, राष्ट्रीय अध्यक्ष, विश्व संस्कृत मीडिया काउसिंल, नई दिल्ली द्वारा अपने वक्तव की शुरूआत शिव महिमा स्तोत्र से की उन्हाने सचिदानंद की व्याख्या की और वेद पुराण उपनिषद के सार की बात की, उन्होने कहा भारतीय ज्ञान परंपरा को गहराई से जानने के लिए पाणिनी के व्याकरण को जानना आवश्यक हैं।
इसी श्रृंखला में द्वितीय वक्ता डाॅ. वीनस जैन, प्रोफेसर अमेठी इन्सटिट्यूट ऑफ लीब्रल आर्टस्, अमेटी यूनिवर्सिटी मुम्बई(महाराष्ट्र) द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध पहलुओ का जीवंत चित्रण किया गया उनका कहना था खगोलशास्त्र एक उन्नत विज्ञान का उदाहरण हैं। तत्पश्चात् वेबीनार में बहुत से प्रतिभागियों के द्वारा पेपर प्रेजेन्टेशन किया गया । महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, झारखंड, बिहार, उत्तराखंड, एवं मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से प्रतिभागियो ने भाग लिया इसके साथ भी विदेशों से लोग अपनी सहभागिता दी । कार्यक्रम को सफल बनाने में डाॅ. साधना जैन, डाॅ. विमला मिंज, डाॅ रश्मि चतुर्वेदी, श्री अमिताभ पाण्डेय, डाॅ. आर.के. गुप्ता, श्री के.जे. सिन्हा, श्रीमती बंदना मिश्रा, डाॅ. किरण खरादी, डाॅ. वीणा सिंह,श्रीमती सुनीता श्रीवास्तव, एवं वेबीनार के ऑग्रनाईजिग सेक्रेटरी श्री नागेन्द्र यादव, बिनेश कुमार यादव, साथ ही कार्यक्रम पूर्ण कराने में श्रीमती नेहा चैधरी, श्री आंजनेय तिवारी, श्री विनीत सोनी, श्रीमती नम्रता निगम, श्री भीम बर्मन, सुश्री आरती वर्मा, अपना सहयोग प्रदान किया।