कटनी ( 29 मार्च ) – न्यायालय कलेक्टर कटनी द्वारा तहसील विजयराघवगढ़ के ग्राम पंचायत देवरी मझगवां में अवैध कालोनी निर्माण के मामले में दिए निर्णय के बाद शुक्रवार को तहसीलदार विजयराघवगढ द्वारा डायरेक्टर डेल्टन कंपनी कटनी श्रीमती उमा गोयनका के विरूद्ध कैमोर पुलिस थाना में मध्य प्रदेश पंचायत राज्य एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 61 (घ) 2 के तहत एफ.आई.आर दर्ज कराई गई है।
यह है मामला
विजयराघवगढ़ तहसील के ग्राम पंचायत देवरी मझगवां स्थित भूमि खसरा नंबर 47/1/1/1/1/1/1/1/1/1 की रकवा 0.80 हेक्टेयर भूमि डेल्टन कंपनी के नाम पर है। डेल्टन कंपनी की डायरेक्टर श्रीमती उमा गोयनका पति आलोक गोयनका द्वारा खसरा नंबर 47 रकवा 3.24 हेक्टेयर में से 2.44 हेक्टेयर भूमि की ब्रिकी कर दी गई है। अब कंपनी के नाम पर 0.80 हेक्टेयर शेष भूमि के प्लाट बनाकर उमा गोयनका द्वारा ब्रिकी कर दी गई है। मौके पर 17 व्यक्तियों के मकान भी बन गये है तथा कच्चा रास्ता भी बना है। उमा गोयनका द्वारा कृषि भूमि पर प्लाटिंग की गई है। कंपनी के पास कॉलोनाइजर का लाइसेंस नहीं है ।इसलिए देवरी मझगवां स्थित इस कालोनी को कलेक्टर न्यायालय ने अवैध माना है।
कलेक्टर कोर्ट का आदेश
सक्षम अधिकारी एवं न्यायालय कलेक्टर कटनी ने ग्राम पंचायत देवरी मझगवां स्थित भूमि खसरा नंबर 47/1/1/1/1/1/1/1/1/1 की रकवा 0.80 हेक्टेयर भूमि को खसरे के कॉलम नंबर 12 में अहस्तांतरणीय दर्ज करने के आदेश दिये है। और संबंधित भूमि का नामांतरण और बंटवारा आदि की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए अभियोजन की कार्यवाही करने निर्देशित किया था।
कलेक्टर कोर्ट ने माना दोषी
एस.डी.एम विजयराघवगढ़ द्वारा उमा गोयनका के विरूद्ध कलेक्टर कटनी के न्यायालय में मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम के तहत कार्यवाही हेतु प्रकरण प्रस्तुत किया था। जिस पर कलेक्टर कोर्ट ने कारण बताओ नोटिस जारी किया। नियत पेशी दिवसों में लगातार अनुपस्थित और सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी कॉलोनाइजर रजिस्ट्रीकरण , प्रमाण पत्र, सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी विकास अनुज्ञा पत्र , नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा स्वीकृत अभिन्यास की प्रति नहीं प्रस्तुत करने पर आरोप प्रमाणित मानते हुए मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम एवं ग्राम स्वराज अधिनियम की धारा 61 (घ) 2 का उल्लंघन किये जाने का दोषी माना गया।
यह है प्रावधान
मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 61 की उपधारा दो के तहत कालोनी निर्माण करने वाला कोई व्यक्ति जो कॉलोनी निर्माण करने के उद्देश्य से अपनी या किसी अन्य की भूमि को नियमों को भंग कर भू-खण्डों में विभाजित करता है। यह संज्ञेय अपराध है और इसमें 3 वर्ष से 7 वर्ष तक के कारावास और 10 हजार रुपये तक के जुर्माने से दण्डित करने का प्रावधान है।