रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। समेरिटंस ‘समुन्नयन एक्सपो‘ के दूसरे दिन शनिवार को मिडिल और हाईस्कूल के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए मॉडलस का प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रदर्शनी में प्रकृति में पाए जाने वाले सूक्ष्म जीवों से लेकर अखिल ब्रह्मांड के निर्माण उसके रहस्यों की व्यापकता को समझाने का प्रयास बच्चों द्वारा किया गया। प्रदर्शन में बच्चों ने प्रकृति के तीनों स्वरूपों जल,थल और नभ की जानकारी को समाहित किया तो इतिहास को भी अपने में समेटा। यहां जीव विज्ञान के विशद् ज्ञान का प्रदर्शन था तो फिजिक्स के कठिन विषयों को सरलता से दर्शाया गया था। प्रदर्शनी में रसायन शास्त्र के नियमों का वर्णन था दूसरी और शारीरिक विज्ञान और गणित के विषयों को उजागर करते हुए मॉडल भी थे। प्रदर्शनी में इतिहास के अखंड भारत का स्मरण किया गया था तो वर्तमान के चंद्रयान 3 और विज्ञान के क्षेत्र में नित नए हो रहे आविष्कारों की चर्चा भी थी। साथ ही भविष्य की उन्नत कल्पनाओं को भी उकेरा गया था। प्रदर्शनी में आर्ट और कला के माध्यम से बच्चों ने अपनी तूलिकाओं के माध्यम से कल्पना के अनूठे रंग भरे थे तो भाषाई विषय इंग्लिश,संस्कृत और हिन्दी के बच्चों ने खेल-खेल में ही भाषा के गूढ़ और कठिन ज्ञान को सरलता से समझाने का सराहनीय प्रयास किया। प्रदर्शनी के माध्यम से बच्चों ने अपनी प्रतिभा और कलाधर्मिता का ऐसा परिचय दिया कि अतिथि प्रशंसा किए बिना नहीं रह सके। आज की प्रदर्शनी का उद्घाटन डीपीआई के सहायक संचालक संदीप शुक्ला और पथरौटा प्राचार्य सुनील जैन ने किया। समुन्नयन एक्सो का अवोलकन और विद्यार्थियों से चर्चा करने के बाद दोनों अतिथियों ने कहा कि बच्चों के मॉडल और उनकी रचनात्मकता देखने के बाद कहा जा सकता है कि बच्चों में वैज्ञानिक सोच होने के साथ ही कल्पना की उड़ान भी है। यह बात कही जा सकती है कि उनका भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इनमें शिक्षकों का परिश्रम और योग्य मार्गदर्शन की झलक भी स्पष्ट देखी जा सकती है। अतिथियों का सम्मान डायरेक्टर डॉ आशुतोष कुमार शर्मा, प्राचार्य श्रीमती प्रेरणा रावत, प्रभारी सुमिता द्विवेदी आदि ने किया। दो दिन की इस प्रदर्शनी में चयनित श्रेष्ठ मॉडल्स बनाने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
हस्तलिखित गीता का किया विमोचन –
इस अवसर पर विद्यालय के संस्कृत विद्यार्थियों द्वारा तैयार हस्तलिखित गीता की प्रति का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया। ज्ञात रहे कि शनिवार को गीता जयंती भी थी। इस अवसर के लिए संस्कृत विभाग के शिक्षकों के मार्गदर्शन में बच्चों ने कठिन परिश्रम कर गीता की हस्तलिखित प्रति तैयार की थी। गीता की इस प्रति का विमोचन करते हुए अतिथिद्वय ने कहा कि बच्चों को यह प्रयास निसंदेह सराहनीय है। विद्यालय द्वारा ऐसे प्रयास होते रहने चाहिए। इससे बच्चों में न केवल सनातन संस्कृति के प्रति रूचि बढ़ती है, अपितु वे विज्ञान और अध्यात्म के संबंधों को भी भली प्रकार समझ पाते हैं। गीता जयंती के अवसर पर इस्कान संस्था के सदस्यों द्वारा विद्यालय में श्रीकृष्ण नाम संकीर्तन का आयोजन किया। इसमें विद्यालय परिवार के सदस्यों ने भी भागीदारी की। साथ ही गीता की वैज्ञानिकता पर व्यापक प्रकाश डाला।