कटनी कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री अवि प्रसाद ने मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 की धाराओं के तहत दो आदतन अपराधियों के विरूद्ध जिला बदर की कार्यवाही करते हुए चार माह की अवधि के लिए जिले की सीमा से निष्कासित करने का आदेश पारित किया है।
जिला दण्डाधिकारी श्री प्रसाद ने दोनों अपराधियों के विरूद्ध जिला बदर की कार्यवाही पुलिस अधीक्षक से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर की है।
जिनके विरूद्ध जिला बदर की कार्यवाही की गई है उनमें स्लीमनाबाद थाना क्षेत्रांतर्गत सलैया प्यासी निवासी जित्तू उर्फ जितेन्द्र पिता विष्णुदत्त मिश्रा उम्र 38 वर्ष के विरूद्ध 2009, 2018, 2023 से अब तक मारपीट छेडछाड तथा विद्युत अधिनियम के आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध हुए है। जित्तू उर्फ जितेन्द्र के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही एवं वर्ष 2018-19 में जिला बदर भी किया गया है, परंतु इसकी अपराधिक गतिविधियों में कोई प्रभावी अंकुश नहीं लग सका और यह लगातार अपराध की ओर अग्रसर हो रहा है। इस स्थिति के मद्देनजर और विधानसभा निर्वाचन को देखते हुए जित्तू उर्फ जितेन्द्र की गतिविधियों से निर्वाचन कार्य प्रभावित होने की संभावना के मद्देनजर कलेक्टर ने चार माह की अवधि के लिए कटनी जिले की राजस्व सीमाओं तथा समीपवर्ती जबलपुर, मैहर, दमोह, पन्ना एवं उमरिया की राजस्व सीमाओं से निष्कासित किया है।
इसी प्रकार एक अन्य आदेश में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री प्रसाद ने कैमोर थाना अंतर्गत खलवारा बाजार वार्ड क्रमांक 6 निवासी 27 वर्षीय अमर सिंह सिसोदिया के विरूद्ध अपराधिक प्रवृत्ति में अंकुश लगाने हेतु प्रतिबंधात्मक कार्यवाही के उपरांत भी अपराधिक गतिविधियों में सुधार न होने तथा पुनः मारपीट कर चोट पहुंचाने एवं अवैध वसूली जैसे अपराध घटित करने, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सहयोग के कारण छोटे अपराधिक तत्व सक्रिय होने व सार्वजनिक सौहार्द का वातावरण बिगाडने का प्रयास करनें के साथ ही आतंक का पर्याय बन चुका है। अमर सिंह के द्वारा विधानसभा निर्वाचन कार्य प्रभावित होने की संभावना के मद्देनजर इसे चार माह की अवधि के लिए कटनी जिले की राजस्व सीमाओं और समीपवर्ती जबलपुर, मैहर, दमोह, पन्ना एवं उमरिया की राजस्व सीमाओं से चार माह की अवधि के लिए बाहर जाने का आदेश पारित किया है।
दोनो आदतन अपराधियों को न्यायालय में नियत पेशी पर उपस्थित होने की अनुमति रहेगी। लेकिन इसकी लिखित सूचना संबंधित थाना प्रभारी को लिखित में देनी होगी तथा पेशी होने के तुरंत पश्चात इस न्यायालय के आदेश का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।