रिपोर्टर (बबलू जायसवाल)कालापीपल के बेहरावल में नव दुर्गा युवा उत्सव समिति प्रतिवर्ष ही अपनी बनाई गई झाकियों में भव्य कलाकृति के संगम करने के लिए जानी जाती है।इस वर्ष समिति द्वारा बनाए गए अद्वितीय पंडाल में उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम मंदिर का निर्माण किया गया है।जिसकी कलाकृति देखते ही बनती है। इसके पहले भी उत्तराखंड के केदारनाथ, भारत के प्राचीन मंदिरों जयपुर का किला पंडाल का निर्माण किया गया था।इस बार बद्रीनाथ धाम में जगत जननी मां जगदंबा की सौम्य प्रतिमा विराजित की गई है। भारतीय संस्कृति, कला का अनूठा संगम यह आने वाले प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं को पांडाल में देखने को मिल रहा है।
45 सदस्यों का योगदान….!
उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम की तर्ज पर कलाकृतियों को फ्लेक्स पर शिवाय फ्लेक्स के रवि पाटीदार व संदीप प्रजापति एवं टीम ने यह सुंदर रूप दिया है।माता रानी के इस मंदिर कि विशेषता है कि मुख्य बड़ा गेट दिया गया हैं और एक विशाल शिखर बना दिए गए हैं।वही पंडित गोविंद व्यास ने बताया कि बद्रीनाथ धाम की कलाकृतियों के दर्शन होते हैं।माता की 9 महाआरती और महाभोग का आयोजन किया जा रहा है।जिसमें समिति के पूरे 45 सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।शाम होते ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है ।800 स्कवॉयर फीट में बनी झांकी में शिखर की ऊंचाई 36 फीट समिति के लोगों ने बताया कि हर कोई इस बार माता का भव्य पांडाल देखकर आश्चर्यचकित है।800 स्क्वायर फीट में बनी इस झांकी में शिखर की ऊंचाई 36 फीट है।इसको बनाने में 15 से अधिक दिन का अथक प्रयास और 20 क्विंटल सरिया लगाया गया है।पहले के 4 सालों में इस बार की बद्रीनाथ थीम पर माता के दरबार में दुर्गा उत्सव की धूम है और दर्शन के लिए आसपास के श्रद्धालु पहुंच रहे हैं…।