रिपोर्टर सीमा कैथवास
नर्मदापुरम। जिला मुख्यालय नर्मदापुरम जो की धार्मिक नगरी के नाम से भी जाना जाता है और इसके मूल तत्व में मां नर्मदा समाई हुई है । नर्मदापुरम तैराकी को लेकर प्रदेश भर में पहचान बना चुका है यहां के कई तैराक राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। पिछले कई वर्षों से नर्मदा नदी में तैराकी सीख रहे बच्चों और उनको सिखाने वाले कोच तैराक चाहते हैं कि नर्मदापुरम में खेल गतिविधियों को जिस तरीके से बढ़ावा दिया जा रहा है परंतु आश्चर्य है कि सरकार यहां पर आज तक एक भी शासकीय स्तर पर स्विमिंग पुल का निर्माण नहीं करवा सकी है। पूर्व की नगर पालिका परिषद ने घोषणा की थी परंतु आज भी यहां पर नगर पर स्थानीय परिषद के माध्यम से स्विमिंग पुल का निर्माण नहीं हो सका है । जिसके कारण यहां के बच्चे अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने के लिए निरंतर मांग कर रहे हैं कि यहां पर एक स्विमिंग पूल का भी निर्माण हो जो बच्चों को तकनीकी रूप से तैराकी प्रतियोगिताओं के लिए प्रशिक्षण देकर तैयार कर सकें परंतु उसके बावजूद नर्मदा नगरी में मां नर्मदा की गोद में खुली जलधारा में बच्चे आज प्रतिदिन सुबह प्रशिक्षकों के दिशा निर्देशन में तैराकी सीख रहे हैं । सैकड़ों बच्चे यहां से अब तक तैराकी सीख चुके हैं सभी चाहते हैं कि आज जिस प्रकार से यहां पर अन्य खेल गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है उसी प्रकार जिला मुख्यालय पर अब एक स्विमिंग पूल का भी निर्माण होना चाहिए । सभी को नई परिषद से अपेक्षाएं हैं कि वह जल्द ही कोई ना कोई स्थान चिन्हित कर बच्चों के लिए तैराकी संस्था का निर्माण कर सकेगी और स्विमिंग पूल जैसी सुविधा यहां नगर वासियों को उपलब्ध हो सकेगी। पूर्व में भी कोठी बाजार का वर्तमान सब्जी मंडी स्थल को स्विमिंग पूल के लिए निर्धारित किया गया था परंतु पिछली परिषदों ने वहां सब्जी मंडी बना दिया। इसी प्रकार पूर्व नपा अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल की परिषद ने भी यहां पर स्विमिंग पूल की घोषणा की थी जो कि मात्र घोषणा होकर रह गई।