रिपोर्टर सीमा कैथवास
सेमरीहरचंद । सेमरीहरचंद नगर से लगभग 200 गांव जुड़े हैं और क्षेत्र में वन विभाग का एकमात्र निस्तार डिपो है जो वर्षों पुराना है परंतु वन विभाग की अनदेखी के कारण वीरान पड़ा हुआ है। कुछ वर्ष पहले तक निस्तार डिपो में कार्यालय बना हुआ था जो आज खंडहर बन गया है। पहले कभी बांस बलिया एवं लकड़ियां क्षेत्रवासियों को आवश्यकतानुसार प्राप्त हो जाती थी परंतु वन विभाग की अनदेखी के कारण आज शवदाह के लिए भी लकड़ियां बाहर से मंगवानी पड़ती हैं। सेमरी हरचंद निवासी कमलेश पुरी बताते हैं कि निस्तार डिपो में काफी समय से लकड़ियों की उपलब्धता नहीं होने के कारण ग्राम वासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है एवं निस्तार डिपो के पीछे ही वंशकार निवास करते हैं। जिनकी आय का साधन बांस से निर्मित घरेलू उपयोगी वस्तुओं के निर्माण का है परंतु बांस की भी उपलब्धता नहीं होने के कारण उनका रोजगार भी प्रायः ठप पड़ा रहता है। नगर के समाजसेवी उमेश मित्तल ने भी आवश्यकता पड़ने पर नगर के निस्तार डिपो में लकड़ियां प्राप्त नहीं होने पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रत्येक ग्रामीण का घर पक्का तो नहीं है जिनके घर कच्चे हैं उन्हें उपयोग के लिए लकड़ियां लेने बाहर जाना पड़ता है। सेमरीहरचंद ग्राम पंचायत के सरपंच चेतन मीना से बात करने पर उन्होंने कहा कि मैं वन विभाग के अधिकारियों को ग्राम पंचायत की ओर से आवेदन दूंगा एवं अधिकारियों से बात करूंगा। इस संबंध में सुहागपुर वनमंडल एसडीओ रचना शर्मा ने बताया कि निस्तार डिपो में लकड़ियों की कमी नहीं रहने दी जावेगी। मैं आज ही सेमरी हरचंद के निस्तार डिपो में लोगों की आवश्यकता के अनुरूप लकड़ियों की व्यवस्था करवा दूंगी।