सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम। पं रामलाल शर्मा स्मृति समारोह के पंच दिवसीय ज्ञानसत्र के प्रथम दिवस का आज हुआ शुभारंभ । जिसमें भागलपुर बिहार से पधारी मानस कोकिला श्रीमती कृष्णा देवी मिश्र ने व्यास गादी से अपने प्रवचन का प्रारंभ करते हुए कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता में व्रतासुर ने भगवान से अंतिम समय में कहा कि आप के भक्तों से हमारा प्रेम बना रहे हम आपके दासों के भी दास बने रहे, आपने पुष्पवाटिका प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि जानकीजी भगवान को भगवान बनाने वाली है तर्क वितर्क छोड़कर भाव और श्रद्धा का स्पंदन लेकर ही मिथिला में प्रवेश किया जा सकता है , विधि करनी कछु कतई न देखी तुलसीदास जी की इन पंक्तियों के साथ जनकपुर का उल्लेख किया है , वहां ब्रह्मा की बनाई हुई दुनिया का कुछ भी दिखाई नहीं देता है , जिन कर नाम लेत जग माही ,सकल अमंगल मूल नसाही । ऐसे श्रीभगवान के विवाह में श्री शंकरजी एवं ब्रह्माजी सम्मिलित होते हैं , मिथिला में प्रवेश करते हुए पुष्प वाटिका प्रसंग की शुरुआत करते हुए समय जानि गुरु आयसु पायीं । लेन प्रसून चले दोउ भाई ।। चौपाइयों का विस्तार पूर्वक वर्णन किया ।कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीमती कृष्णा देवी मिश्र द्वारा पंडित रामलाल शर्मा के चित्र पर माल्यार्पण किया गया श्रीमती मिश्रा का स्वागत के एस शर्मा पूर्व मुख्य सचिव मध्य प्रदेश शासन , डॉ सीताशरण शर्मा जी विधायक एवं पूर्व अध्यक्ष मध्यप्रदेश विधानसभा ,श्रीमती नीतू महेंद्र यादव अध्यक्ष नगर पालिका ,डॉ गोपाल प्रसाद खड्डर, राकेश फौजदार, अजय सैनी , डॉ विजय महंत , शील सोनी ,संयम जैन , अशोक द्विवेदी , अजय प्रकाश श्रीवास्तव ,अशोक पालीवाल ,प्रेमराज पालीवाल ने द्वारा किया गया कार्यक्रम के प्रारंभ में श्री गोपाला अग्रवाल द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी गई आपके साथ हारमोनियम पर पंडित राम परसाई एवं गिटार पर आकाश जैन तबले पर सक्षम पाठक मजीरे पर विपुल दुबे ने प्रस्तुति की ।