विद्यार्थियों को बायोडायनेमिक कृषि का प्रशिक्षण दिया गय
कटनी। विद्यार्थियों को बायोडायनेमिक कृषि के अंतर्गत सूर्य चांद सितारों व नक्षत्रीय शक्तियों का कृषि एवं फसल उत्पादन पर प्रभाव होता है जैव सक्रिय उत्पाद मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के साथ नशीजीव प्रबंधन में भी योगदान करते हैं सींग खाद्य ऋषि कृषि पंचगव्य कृषि को बनाने एवं फसलों में उपयोग कर कम लागत तकनीकी जीरो बजट फार्मिंग एवं जैविक खेती का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। गाय के सींग खोल मैं नक्षत्रीय शक्तियों को ग्रहण करने की क्षमता होती है सींग खाद निर्माण के लिए क्वार नवरात्रि में गाय के सींग में गोबर भरकर नुकीला भाग ऊपर करके डेढ़ फुट भूमि में दबाकर मिट्टी से ढक देते हैं चैत्र नवरात्रि में निकालकर 30 ग्राम सींग खाद 13 लीटर पानी में मिलाकर बोने से पूर्व भूमि में छिड़काव तथा दूसरी बार 20 दिन की फसल मैं छिड़काव करने से सूक्ष्मजीवों एवं केंचुआ की संख्या में बढ़ोतरी होती है ऋषि कृषि के अंतर्गत अमृतपानी से बीज उपचार भूमि उपचार पादप उपचार तथा पंचगव्य बनाने एवं फसलों में उपयोग करने का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण वीरांगना रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय बहोरीबंद में विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा व्यावसायिक शिक्षा के अंतर्गत स्वरोजगार आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबन के लिए स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना के तहत प्राचार्य डॉ इंद्र कुमार पटेल के मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण समन्वयक विवेक चौबे तथा मंजू द्विवेदी के सहयोग से जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा जैविक खेती का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।