सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम। जिला न्यायालय में 6 मार्च से अधिवक्ताओं के न्यायालीन कार्य से विरत रहने के कारण पक्षकार परेशान होते रहे है। साथ ही न्यायालीन कार्य भी प्रभावित हो रहे है । 10 मार्च को अधिवक्ताओं के कार्य से विरत रहने के पांचवे दिन विभिन्न न्यायालयों के करीब 465 प्रकरणों में सुनवाई नहीं हो सकी। अधिवक्ताओं के कार्य से विरत रहने का कारण हाईकोर्ट का वह आदेश जो 25 आपराधिक व सिविल प्रकरणों का 66 दिनों में निराकरण करने का है। अधिवक्ता संघ सचिव मनोज जराठे ने बताया कि इस दौरान अधिवक्ता संघ अध्यक्ष केके थापक, उपाध्यक्ष अखिलेश मिश्रा सहसचिव सुरेन्द्र सिंह राजपूत, कार्याकारणी सदस्य सीके कुरापा, राजेश चौरे, क्षमा चौहान, रीतेश विश्वकर्मा, विजेन्द्र सिंह राजपूत व वरिष्ठ अधिवक्ता अजय तिवारी, बलवंत सिंह ठाकुर, राजा चौहान, जीवन सिंह रघुवंशी, नीतेश गौर, कल्पेश दुबे, अनंत गौर, मनीष शर्मा, आशुतोष दुबे, सचिन चौहान, विनीत वर्मा, राकेश शर्मा, भागीरथ मीना, प्रमोद यादव, राजेश मालवीय, पीडी चौरे, मुनेन्द्र , प्रशांत राठौर, तारा मालवीय, दिप्ती राठौर, विजय व्यास, किशन मीना आदि मौजूद रहे।