सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम। साहित्यकार, कवि चौधरी मदन मोहन समर द्वारा लिखित पाँचवी पुस्तक उनकी प्रतिनिधी कहानियों का संग्रह “पानी की परत” प्रकाशित होकर पाठकों के बीच आ रही है। मध्यप्रदेश पुलिस में उप पुलिस अधीक्षक श्री समर वर्तमान में एसडीओपी सोहागपुर जिला नर्मदापुरम में पदस्थ हैं। वीर रस के कवि के रूप में देश विदेश में ख्याति प्राप्त श्री समर ने सामाजिक विद्रूपताओं और चिंतन पर कहानियां लिखने में भी कलम चलाई है। देश की अनेक प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में श्री समर की कहानियां प्रकाशित होती रही हैं। प्रलेक प्रकाशन मुम्बई से प्रकाशित हो रहे कहानी संग्रह “पानी की परत” में चौधरी मदन मोहन समर की पंद्रह कहानियां हैं। इन कहानियों में आम आदमी की समस्या, सामाजिक,
विषमतायों, शोषण, साम्प्रदायिक स्थिति, प्रेम, भारत विभाजन, आतंकवाद, आधुनिक समाज का असंतुलन, जैसे विषयों को बेहद मार्मिक तरीके और प्रभावी भाषा शैली के माध्यम से उठाया गया है। हाल ही में प्रतिष्ठित पत्रिका “हंस” में प्रकाशित और साहित्य जगत में चर्चित कहानी “गुबरी” भी इस संग्रह में मौजूद है।
इसके पूर्व उनकी पुस्तके “समय समेटे साक्ष्य”(काव्य संग्रह), “सियालकोट की सरहद”(खण्ड काव्य), “जीवन में कुछ और बहुत है”(काव्य संग्रह) तथा “समंदरों के पार”(यात्रा-वृतांत) पाठकों में काफी लोकप्रिय हुआ है।