सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम। 25 सिविल और आपराधिक मामले का 66 दिनों में निराकरण करने का हाईकोर्ट का आदेश शीघ्र वापस लेने के लिए शुक्रवार से जिला अधिवक्ता संघ नर्मदापुरम के आव्हन पर अधिवक्तागण कार्य से विरत है। शनिवार को भी अधिवक्ताओं ने न्यायालीन कार्य में हिस्सा नहीं लिया परिणाम स्वरूप समस्त कोर्टो में कार्यवाही ठप रही । शनिवार को विभिन्न न्यायालय में 83 सिविल 250 आपराधिक प्रकरण प्रस्तुत होने थे। संघ सचिव मनोज जराठे ने बताया कि अभी दो दिवसीय कार्य से विरत रहने का निर्णय था सोमवार को इस अवधि को बढा़ने हेतु चर्चा की जावेगी। उन्होंने बताया कि अधिवक्ता संघ के कार्य से विरक्त रहने के निर्णय को स्टाम्प बेंडर, नोटरी अधिवक्ता, टाइपिस्ट आदि का भी समर्थन मिला। संघ अध्ययक्ष केके थापक, सहसचिव सुरेन्द्र सिंह राजपूत, ग्रंथपाल श्रीप्रकाश दुबे, कार्यकारणी सदस्य सीके कुरापा,विजेन्द्र सिंह राजपूत , प्रशांत तिवारी, एसएस पटेल, सरिता दुबे, दिलीप नामदेव, अजय तिवारी ,शिव दीक्षित, बलवंत सिंह ठाकुर, आनंद शर्मा, जीवन सिंह रघुवंशी, इरफान खान, राजू मिश्रा, हेमेन्द्र ठाकुर, नीतेश गौर, कल्पेश दुबे, योगेश पटेल, अमित गुबरेले, भूपेन्द्र वर्मा, जितेन्द्र गौर, माधव हर्णे, कामताप्रसाद यादव,मुन्ना लाल गौर, राजेश अग्रवाल, रत्नेश दुबे, संदीप दुबे, आशीष ठाकुर, संजीव बग्गन, सचिन चौहान, विकास यादव, ललित अहिरवार सुंदर लाल वर्मा, राकेश शर्मा, मनोज यादव, रशीद खान, मनोज चौधरी, राजेश मालवीय, अभिषेक दीक्षित, चंदन शाह आशुतोष दुबे, सौरभ तिवारी , अनिल गौर आदि ने हाई कोर्ट से अधिवक्ता और पक्षकार के हित में तत्काल निर्णय वापस लेने की अपील की है।