सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम । प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनसभाओं में खुले मंच से हर प्रकार के माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही की चेतावनी देते हैं, जिससे आम जनता अपना जीवन यापन सुख शांति से गुजारा कर सके। शासन के दिशा निर्देशन पर समय-समय पर कार्रवाई भी होती रहती हैं परंतु इन सब के बावजूद कुछ रसूखदार चेहरे बच जाते है और कई बार तो पीड़ित व्यक्ति डर , दहशत और लोक लाज के भय से सामने नहीं आ पाता है। पिछले कुछ समय से बाजार में बीसी के नाम पर लाखों रुपए की ठगी किए जाने का मामला भी चर्चा में चल रहा है , परन्तु कोई भी पीड़ित सामने नहीं आने से मामला सिर्फ सुर्खियों में रहा है। अब नर्मदापुरम ग्वालटोली निवासी
पीड़ित विलास नरवाडे (38) ने सिटी कोतवाली सहित पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर बीसी के नाम पर उससे करीब साढ़े 7 लाख रुपए छल कपट से हड़पने की शिकायत कर दोषी व्यक्ति पर वैधानिक कार्यवाही करते हुए राशि वापस दिलाए जाने की मांग की है। पीड़ित युवक विलास नरवाडे ने बताया कि वह स्क्रैप का कार्य करता है और पैसों की जरूरत होने के लिए उसने बीसी में पैसे फसाए थे। आरोपी व्यक्ति सतीश मालवीया निवासी गीता भवन के पास रसूलिया द्वारा वर्ष 2021 में श्री फाइनेंस कंपनी के नाम से कार्यालय बस स्टैंड के सामने नर्मदा ग्लौरी होटल के नीचे खोला था। जहां से वह गरीब और छोटे रोजगार करने वालों को राशि ब्याज पर देकर फाइनेंस करता था। जिससे मेरा परिचय होने पर व्यक्ति ने मुझे बीसी में पैसे लगाने को कहा और बाद में कहने लगा कि तुम्हारी बीसी आखरी में खुलेगी। जब मेरा नंबर आने की बात होती तो कहता कि आखरी में तुम्हारी बीसी खुलेगी। जब मुझे कुछ शंका हुई तो मैंने अपनी राशि वापस मांगी तो उन्होंने मुझे एक चेक बंधन बैंक का साढ़े 7 लाख का जारी किया। बाद में बैंक से पता चला कि वह चेक सतीश मालवीय के खाते का नहीं है। तब मैंने सतीश मालवीय को बताया कि चेक तुम्हारा नही है फर्जी है। तो उसने मुझे दूसरा चेक दे दिया जो एचडीएफसी बैंक आनंद नगर का है और जिसमें भुगतान की तारीख 10 जनवरी 2025 का जारी कर दिया। मैंने आपत्ति ली तो उसने कहा कि तुम्हें 2 साल में यह राशि अदा करूंगा। तुमसे जो बने कर लो, मेरा कोई कुछ नहीं कर सकता। पीडित विलास नरवाडे ने पुलिस अधीक्षक को गुहार लगाई है कि मेरी आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब है और इन परिस्थितियों में मेरे परिवार को पालने की भी समस्या उत्पन्न हो रही है , मेरे आर्थिक हालात खराब हो रहे हैं , मेरी मदद की जाए और मुझे मेरी राशि वापस दिलाई जाए और पूरे मामले की वैधानिक जांच करते हुए दोषी व्यक्ति पर अपराधिक मामला दर्ज किया जाए जिससे भविष्य में किसी अन्य के साथ इस प्रकार की घटना न हो अथवा मुझे भी आत्महत्या को मजबूर होना पड़ेगा। यह कहना है पीड़ित व्यक्ति का । जिसने अब सिटी कोतवाली नर्मदापुरम सहित पुलिस अधीक्षक नर्मदापुरम से गुहार लगाई है कि बीसी के नाम पर उसके साथ की गई ठगी मामले की विधिवत जांच हो और उसे उसकी मेहनत की कमाई वापस दिलाई जाए। बीसी के नाम पर लाखों की ठगी का शिकार हुए पीड़ित युवक की शिकायत सामने आने के बाद यह बात भी चर्चा में आ रही है कि परदे के पीछे रसूखदार चेहरे भी शामिल है। यदि इस पूरे बीसी कांड की तरीके से जांच हो तो ठगी का बड़ा मामला शहर के बीच बाजार का सामने आ सकता है ?? वहीं इन दिनों सूदखोरों की प्रताड़ना का शिकार एसपीएम रसूलिया निवासी युवा ट्रांसपोर्टर दिलीप रेड्डी द्वारा नर्मदा नदी में कूदकर आत्महत्या किए जाने का मामला भी पुलिस प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है। इस मामले की जांच बुधनी पुलिस कर रही है और गुमशुदगी का मामला परिजनो द्वारा सिटी कोतवाली में दर्ज कराया गया था जबकि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्पष्ट कर चुके हैं कि सूदखोरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।