सीमा कैथवास की रिपोर्ट
नर्मदापुरम । जिले के सोहागपुर वन परिक्षेत्र के अंतर्गत जंगल में बहुमूल्य सागोन की अवैध कटाई का मामला निरंतर सुर्खियों में बना हुआ है। सरकार से हजारों रुपए की तनख्वाह लेने वाले जवाबदार वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर 24 घंटे वनों में वन रक्षकों की डियूटी होने के बावजूद कैसे बहुमूल्य सागौन के वृक्षों पर खुलेआम कुल्हाड़ी चलाई जा रही है ? वही वन्य प्राणियों का शिकार भी किया जा रहा है। आखिर विभाग के जवाबदार इन जंगल माफियाओं को मौका स्थल पर क्यों नहीं पकड़ पाते बड़ा सवाल ? वृक्षों की कटाई और वन्य प्राणियों के शिकार के उपरांत परिवहन के दौरान पकड़े जाना भी गंभीर सवाल खड़े करता है? चर्चा तो यह भी है कि पूरा खेल मिलीभगत से चल रहा है? जिसके बाद जांच के नाम पर चलने वाली लंबी कार्यवाही के दौरान विभाग के जवाबदारो को बचा लिया जाता है? इन दिनों बागरा तवा के जंगल में कक्ष क्रमांक 224 और 225 में सागौन के पेड़ो की कटाई का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। पिछले दिनों मुखबिर की सूचना पर बाइक पर सागौन की चरपट ले जाते एक आरोपी को वन विभाग की टीम द्वारा पकड़ा गया था।
जिसके पास से सागौन की लकड़ी सहित बाइक पर टंगे थैले से सांभर के सिंग और शिकार करने वाला जाल सहित अन्य सामग्री जप्त की गई थी। सूत्रों की माने तो आरोपी द्वारा विभाग के वनरक्षक का भी नाम लिया गया है परंतु अभी विभाग द्वारा मामले का खुलासा नहीं किया गया है। बताया जाता है कि विभाग ने पकड़े गए आरोपी को 11 दिन की जुडिशल रिमांड पर लिया हुआ है जिससे और अहम जानकारी जुटाई जा रही है। उक्त मामले में सोहागपुर वन परिक्षेत्र एसडीओ रचना शर्मा ने बताया कि जंगल में अवैध तरीके से सागौन की लकड़ी बाइक पर तस्करी करते हुए बबलू को पकड़ा गया है। उसके पास से सांभर के सिंग व शिकार के औजार भी जप्त किए गए हैं। उसकी निशानदेही पर सागौन के 18 ठूठ काटना कबूल किया गया है। आरोपी का पीआर लिया गया है । वनरक्षकों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है।