28 श्रमिक और 5 बच्चे घर पहुंच कर हुए खुश
बेलगावी में कटनी के फंसे 28 श्रमिकों की हुई घर वापसी
कौड़िया पहुंचे श्रमिकों को देख खुश हुए परिजन
मजदूरों के बेलगावी से कौड़िया तक पहुंचने की पल-पल की जानकारी लेते रहे कलेक्टर श्री प्रसाद
श्रमिकों को भेजने वाले राजेंद्र उपाध्याय को नोटिस जारी
कटनी -घुटनभरी जिंदगी और पराधीनता की मानसिक पीड़ा के साथ कर्नाटक के बेलगावी जिले के सिनूर ग्राम में मुश्किल जिंदगी जी रहे स्लीमनाबाद -कौड़िया क्षेत्र के 28 श्रमिक अपने घर पहुंचकर अब खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। मुश्किल हालातों में फंसे इन श्रमिकों की दुश्वार जिंदगी में छायी परेशानियों के अंधेरे में उजाले की तरह कलेक्टर अवि प्रसाद की गंभीर कोशिशें कामयाब हुई और श्रमिकों की घर वापसी हो सकी।
सिनूर ग्राम में नाउम्मीदी और हालात से मजबूर होकर किस्मत को कोस रहे श्रमिक ,यहां इटारसी, स्लीमनाबाद और फिर अपने गांव कौड़िया पहुंचते ही खुशी से चहकने लगे। दो दिन पहले तक डरी-सहमी आंखों में अब भरोसा , विश्वास और उम्मीद की चपलता दिखने लगी।
संवेदनशील, जनोन्मुखी और जवाबदेह प्रशासन के लिए संकल्पित कलेक्टर श्री प्रसाद को जैसे ही विधायक बहोरीबंद प्रणय प्रभात पांडे से कौड़िया के 28 श्रमिकों के कर्नाटक के बेलगावी (बेलगाम) में फंसे होने की जानकारी मिली, वैसे ही श्री प्रसाद उन्हें घर वापस लाने बेचैन हो गए। तत्काल बेलगावी के डिप्टी कमिश्नर एवं जिला दंडाधिकारी नीतेश पाटिल से दूरभाष पर चर्चा कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और सहयोग करने का आग्रह किया। मुश्किल हालात में फंसे मजदूरों की स्थिति से व्यथित हो कलेक्टर श्री प्रसाद ने तत्काल उनके भोजन-पानी और यहां आने के लिए टिकिट हेतु 35 हजार रूपये उपलब्ध करवाया। ताकि उन्हें तत्काल समस्याओं से निजात मिल सके।
इतना भर ही नहीं कलेक्टर श्री प्रसाद बेलगावी से मजदूरों के रवाना होने ,इटारसी तक पहुंचने, फिर स्लीमनाबाद रेलवे स्टेशन आने और कौड़िया गांव में घर तक पहुंचने की स्थिति की दूरभाष से पल-पल की निगरानी करते रहे
सोमवार की सुबह से ही वे जिला प्रशासन के अधिकारियों को जरूरी व्यवस्थाओं और श्रमिकों को चाय-नाश्ता के साथ सकुशल घर वापसी के निर्देश देते रहे।
कौड़िया गांव में अपने-अपने घरों में पहुंच चुके श्रमिकों की जानकारी से अवगत होने के बाद ही कलेक्टर श्री प्रसाद ने प्रशासनिक काम-काज की अपनी नियमित दिनचर्या शुरू की।
*छलके खुशी के आंसू*
पिछले कई दिनों से गुमसुम से कौड़िया गांव में सोमवार को सभी प्रफुल्लित थे। घर वापस आए सभी मजदूरों के परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू थे। हाल-चाल के बाद ग्रामीणों को कोई बता रहा था, कि कलेक्टर साहब ने वहां फोन किया था, उसके बाद ही हम लोगों के साथ ठीक से व्यवहार किया जाने लगा। तो कोई बता रहा था, कि वहां वाले पूछ रहे थे कि कटनी कलेक्टर तक यह बात किसने बताई। कौड़िया गांव में कुछ इस तरह की चर्चाएं सोमवार को सरगर्म रहीं।
*28 श्रमिक और 5 बच्चे घर पहुंच कर हुए खुश*
बेलगावी में कठिन दौर से गुजरे कौड़िया पहुंचने वालों में 28 मजदूर और 5 बच्चे हैं। इनमें चंदू पाल, सुखम्बी पाल, पार्वती पाल, प्रतिज्ञा पाल, सावन पाल, रोहित पाल, कुरुवा बाई पाल, मोनू पाल, पुन्नू सेरेमा, आला पाल, अंकित पाल, बारी लाल पाल, परीबाई पाल, किरण पाल, धीरज पाल, राज पाल, राजेंद्र पाल, रेनु बाई पाल, नेहा पाल, देवा पाल, आयुष पाल, रागिनी पाल, विनोद पाल, सुमन बाई पाल, शिवम पाल, सुहाना पाल, नीलम पाल, सिंगरन पाल शामिल है।
कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश पर अलसुबह ही स्लीमनाबाद पहुंच कर श्रम अधिकारी के बी मिश्रा,सच्चिदानंद त्रिपाठी तहसीलदार, शशांक दुबे नायब तहसीलदार, रमाकांत लोधी श्रम निरीक्षक, एस पी सिंह श्रम निरीक्षक, पटवारी सहित जनसाहस के मुकेश द्विवेदी श्रमिकों को कौड़िया गांव पहुंचाने और चाय आदि की व्यवस्था की|
*नोटिस जारी*
कलेक्टर श्री प्रसाद द्वारा कौड़िया गांव से बाहर काम के लिए भेजने वाले स्थानीय निवासी राजेंद्र प्रसाद उपाध्याय के विरुद्ध कार्यवाही करने श्रम अधिकारी को निर्देश देने के बाद राजेन्द्र प्रसाद उपाध्याय को अंतर्राज्यीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम के उल्लंघन पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। अधिनियम के उल्लंघन पर एक साल तक की सजा का प्रावधान है।