नरसिंहपुर राजकुमार दुबे
गोटेगांव जनपद अंतर्गत ग्राम महुआखेड़ा में चल रही विराट मानस सम्मेलन व लक्ष्मी नारायण यज्ञ मे पहुंच कर शंकराचार्य स्वामी श्री ज्योतिष्पीठीधीश्वर अविमुक्तेश्वरानंद जी ने आशीष प्रबचनो से सम्बोधित किया महाराज श्री ने बताया की आत्मा कभी नहीं मरती और ना जन्म लेती है दक्षिणा चढ़ाने से व आरती उतारने से गुरु का सम्मान नहीं है गुरु का असली सम्मान वह है जो गुरु बोले और शिष्य गुरु की बातों को समझे और माने
श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ समस्त सृष्टि के लिए कल्याणकारी है। इस यज्ञ में बैठने मात्र से ही सौ जन्मों का फल मिलता है। सार्वाजनिक हित, विश्व शांति और कल्याण के है जो धर्म को बचाकर रखता है, जीवन उसी का सफल होता है। जीवन में केवल ज्ञान प्राप्त कर लेना ही काफी नहीं है, बल्कि इसके साथ भक्ति भी जरूरी है।
महाराज श्री ने आगे बताया की ज्योतिर्मठ जोशी मठ इस समय बड़ी गंभीर समस्या से जूझ रहा है वहा की जमीने धसती जा रही है हम वहां पर थे वहां के लोगों के दुख में उनके साथ खडे थे लेकिन वचन निभाने के लिए हमको वहां से निकल कर के यहां आपके पास महुआखेड़ा आना पड़ा