कटनी(21 नवम्बर)- कलेक्टर अवि प्रसाद के निर्देशन में जिले में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु व्यापक प्रबंध किए गए हैं। जिले के इतिहास में पहली बार उपार्जन कार्य में एफपीओ को शामिल किया गया है। साथ ही महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से इस साल पिछले वर्ष की तुलना में उपार्जन कार्य मे महिला स्व-सहायता समूहों की दोगुनी भागीदारी रहेगी।
जिला आपूर्ति अधिकारी बालेंद्र कुमार शुक्ला ने बताया कि जिले में 28 नवंबर से उपार्जन कार्य शुरू हो जाएगा। स्लॉट बुकिंग का कार्य जारी है। खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में 81 खरीदी केंद्रों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन होगा।
22 एसएचजी करेंगें खरीदी
इस साल समर्थन मूल्य पर उपार्जन कार्य में 22 महिला स्व-सहायता समूहों को शामिल किया गया है। महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस वर्ष, पिछले साल की तुलना मे दोगुने स्व-सहायता समूहों को भागीदार बनाया गया है। पिछले साल उपार्जन कार्य मे जहां केवल 11 महिला स्व-सहायता समूहों की भागीदारी थी, वहीं इस साल 22 स्व-सहायता समूहों द्वारा उपार्जन कार्य किया जाएगा।
एफपीओ करेगी खरीदी
जिले के उपार्जन इतिहास मे पहली बार स्लीमनाबाद के फार्मर्स प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन लक्ष्य फार्मर्स एग्रीटेक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को उपार्जन कार्य की जबाबदारी सौपीं जा रही है।
गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र बढ़े
किसानों को फसल विक्रय के बाद भुगतान मे होने वाले विलम्ब से निजात दिलाने कलेक्टर अवि प्रसाद की पहल पर इस साल 50 गोदाम स्तरीय उपार्जन केन्द्र बनाए गए है। जबकि बीते साल इन केन्द्रों की संख्या केवल 23 थी।
त्वरित भंडारण में होगी सुविधा
गोदाम स्तरीय उपार्जन केंद्र में त्वरित भंडारण की सुविधा होने से असमय होने वाली बारिश आदि से उपज के नुकसान होने की संभावना अत्यंत कम रहती है।
जिला आपूर्ति अधिकारी श्री शुक्ला ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में गत वर्ष की तुलना में इस साल 5 हजार किसानों की संख्या में कमी हुई है, साथ ही करीब 6 हजार हेक्टेयर पंजीकृत रकवे मे भी कमी होने की वजह से इस साल, पिछले वर्ष की तुलना में कम खरीदी केंद्र बनाए जा रहे हैं।
नजदीकी केंद्रों में समाहित
राज्य शासन द्वारा घोषित उपार्जन नीति के प्रावधानों के तहत इस वर्ष जिले में अत्यधिक नजदीक तथा पिछले साल 3 हजार मीट्रिक टन से कम उपार्जन करने वाले केंद्रों को नजदीकी उपार्जन केंद्रों में संबद्व करने का निर्णय जिला उपार्जन समिति द्वारा लिया गया है। साथ ही 48 उपार्जन केंद्रों की स्थापना के बाद शेष चिन्हाकित उपार्जन स्थलों के लिए पात्र संस्थाओं के चयन की कार्यवाही प्रचलन मे है।
तहसील क्षेत्र मे करा सकेंगें स्लॉट बुक
किसान अपनी स्लॉट बुकिंग तहसील के अंदर किसी भी उपार्जन केन्द्र मे कर सकेंगें। कृषक द्वारा विक्रय की जाने वाली संपूर्ण उपज की स्लॉट बुकिंग एक समय मे ही करनी होगी। लेकिन आंशिक स्लॉट बुकिंग एवं आंशिक विक्रय नहीं किया जा सकेगा।
लेकिन कृषक द्वारा निर्धारित उपार्जन केन्द्र पर स्लॉट बुकिंग करने के उपरांत अन्य केन्द्र पर कृषक पंजीयन परिवर्तन व स्थानांतरण की सुविधा नहीं होगी।