प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ देहात थाना प्रभारी संजय चौकसे ने बताया कि आज दिनांक 21/11/22 को डायल 100 के द्वारा सूचना प्राप्त हुई की बाबई रोड मामा के ढाबे के पास एक व्यक्ति के जाप लूट की घटना हुई है, सूचना पर थाना देहात के थाना प्रभारी निरीक्षक संजय चौकसे, उनि नीरज पाल, आर शुभम, चालक संजय के मौके पर पहुंचे जहाँ एक लड़का अपनी मोटर सायकल के साथ खड़ा दिखा जिसके कपडे फटे हुये थे। नाम पता पूछने पर अपना नाम लोकेश वर्मा पिता राजेन्द्र वर्मा उम्र 27 साल निवासी एलआईजी 3 न्यास कालोनी हाउसिंग बोर्ड का रहना बताया। जिससे घटना के सम्बंध में पूछवाछ पर बताया कि मै यस बैंक की सीएसई ब्रांच आउट लेट ग्राम जासलपुर मे काम करता हूँ आज दिनांक 21/11/22 के करीब 1.30 बजे से बैंक से 88,000 रुपये अपने पिटटू बैग से लेकर यस बैंक को मेन ब्रांच नर्मदापुरम में चागा करने के लिये जा रहा था जो बाबई रोड मामा के ढाबे के पास मुझे दो लोग जिनके मुँह बचे हुये थे। उन लोगों ने मुझे रोका तो मैं रुक गया तो उन दोनो लडको ने मेरे साथ मारपीट कर मेरा पिटटू बैग जिसमें 80 हजार रुपये और मेरे दस्तावेज थे, लेकर उनकी बिना नंबर की मोटर सायकल से बाई तरफ भाग गये। सूचना पर तत्काल वरिष्ट अधिकारियों को घटना के सम्बंध में अवगत कराया गया निर्देश प्राप्त किये एवं मौके पर एसडीओपी नर्मदापुरम पराग सैनी भी उपस्थित आये जिनके निर्देशन में लोकेश से घटना के सम्बंध में पूछताछ किया जो लोकेश सही तरिके से घटना के बारे में नहीं बता पा रहा था। जिस तरह से लोकेश के कपड़े फटे हुये थे उसे देख कर ऐसा नहीं लग रहा था कि किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा कपडे फाडे गये हैं। और लोकेश के शरीर में किसी प्रकार की चोट नहीं थी। संदेह होने पर एवं घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण करने पर घटना किसी षडयंत्र की ओर इशारा कर रही थी। घटना संदिग्ध प्रतीत होने से सूचनाकर्ता लोकेश वर्मा से सघन पूछताछ करने पर लोकेश के द्वारा लूट की घटना की झूटी की रिपोर्ट करना स्वीकार किया उसने पूछताछ में बताया कि मुझे पैसे लगाकर ऑनलाईन गेम खेलने का शौक है। जिसके कारण मेरे उपर साढ़े पाच लाख का हो चुका है बैंक में जमा करने वाले 88,000 हजार रूपये भी आनलाईन गेम में हार गया था जो आज उन पैसों को बताने के लिये मैने 88,000 हजार की लूट की झूटी कहानी स्थी। पहले मे मेरा पिटटू बैग जिसमें मेरे दस्तावेज रखे थे उस बैग को मैने जासलपुर पुलिया के पास खेत में झाडियों के पीछे छिपा दिया था। और फिर मामा के बाद के पास जाकर मैंने डायल 100 में झूठी छूट की रिपोर्ट की थी। जो लोकेश की निशादेही पर उक्त बैंग की बरामद किया गया। इस तरह लोकेश वर्मा से पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसने यह षडयंत्र बैंक में जमा करने वाले पैसे ऑनलाइन गेम में हार जाने के कारण अब वापस बैंक को न देना पड़े इसलिये इस तरह की लूट की झूठी कहानी रची थी। पुलिस लगातार सघन जांच भौतिक साक्ष्यों के आधार पर लोकेश वर्मा से षडयंत्र का खुलासा किया ।