प्रदीप गुप्ता/ नर्मदापुरम/ नगर के बालागंज क्षेत्र में चल रही संगीत में श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस में भागवत आचार्य पंडित सोमनाथ शर्मा जी ने श्रीमद्भागवत के दशम 11 और 12 वीं स्कंद की सुंदर कथाओं को सुनाया उन्होंने कहा कि भागवत की कथा भगवान की प्राप्ति कराने वाली है कथा को प्रारंभ करते हुए भगवान श्री कृष्ण के 16108 विवाह की सुंदर कथा सुनाई गई और बताया कि भगवान ने रुक्मणी जी का हरण नहीं किया था क्योंकि रुकमणी तो साक्षात लक्ष्मी है। भगवान श्रीकृष्ण नारायण है यह तो बस भगवान की लीला की थी साथ ही साथ कथा में सुदामा चरित सुना गया । भगवान श्री कृष्ण किस प्रकार अपनी लीलाओं को पूरा करके अपने परमधाम को चले गए 125 वर्ष तक भगवान पृथ्वी पर रहे और सुंदर लीलाएं करते रहें भगवान श्रीकृष्ण जाते-जाते अपने पुंज को श्रीमद्भागवत में रख गए और कह गए जो मनुष्य श्रीमद्भागवत का अध्ययन करेगा उसे सुनेगा और वह भगवान श्रीकृष्ण श्रद्धा रखते हुए भागवत को मानेगा उसे अपने जीवन में भगवान श्री कृष्ण का दर्शन अवश्य होगा इस कलयुग में ऐसे बहुत से उदाहरण है जिसमें भगवान श्री कृष्ण को प्राप्त करने के लिए भागवत ही साधन बनी बहुत से भक्तों ने भागवत के माध्यम से ही भगवान को प्राप्त किया इसलिए भागवत भगवान श्री कृष्ण का ही साक्षात स्वरूप कहा जाता है जिसे सुनकर श्रोता भावुक हो गए और विश्राम दिवस में नगर के कई जनप्रतिनिधियों ने पधार कर महाराज जी का स्वागत किया और मालवीय परिवार ने सभी का धन्यवाद किया कथा का आयोजन मालवीय परिवार द्वारा कराया जा रहा था बालागंज बजरंग मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया।