भोपाल अब शहर में मां दुर्गा के नौ दिन के नवरात्र महापर्व के दौरान होने वाले गरबा महोत्सव में बिना पहचान पत्र के प्रवेश नहीं दिया जाएगा। गरबा महोत्सव का आयोजन कराने वाली समितियों ने संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर के बयान का समर्थन किया है। उनका कहना है कि गरबा मां की आराधना का पर्व है, इसमें मां की भक्ति की जाती है ऐसे में सिर्फ वही लोग यहां आएं जो हिंदू धर्म और मां की भक्ति में आस्था रखते हों। इतना ही नहीं गरबा महोत्सव में फिल्मी गानों पर भी पूरी तरह रोक लगाई जानी चाहिए। पहचान पत्र के द्वारा प्रवेश दिए जाने पर कई तरह की समस्याओं का समाधान हो जाएगा। इधर जिला प्रशासन ने भी मंत्री के बयान पर पहचान पत्र के प्रवेश की बात को सुनिश्चित करने की बात कही है।
गुजराती समाज गरबा समिति के अध्यक्ष संजय पटेल ने बताया कि गरबा मां की आराधना का पर्व है। इसमें मां की मूर्ति या फोटो लगाकर गरबा के द्वारा भक्ति की जाती है। गरबा में पहचान पत्र के द्वारा प्रवेश दिया जाना सही है।
हमारे यहां सिर्फ समिति के सदस्य या फिर विशेष आमंत्रण पर बुलाए अतिथियों को ही प्रवेश दिया जाता है। गरबा में फिल्मी गानों पर भी रोक लगाई जाना चाहिए। शहर में गरबा का आयोजन कराने वाली सभी समितियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही धार्मिक भावनाओं का विशेष रूप से ध्यान रखा जाना चाहिए।
सिंधी मेला समिति के मीडिया प्रभारी हरीश मेघानी ने बताया कि इस बार 29 सितंबर से सुंदरवन नर्सरी में सांस्कृतिक गरबा महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। महोत्सव में सिर्फ सिंधी समाज के प्रतिभागियों को ही प्रवेश दिया जाएगा। गरबा में आने वाले सभी लोगों के लिए आधार कार्ड और वैध पहचान पत्र अनिवार्य किया गया है। पूरी पड़ताल के बाद ही गरबा में प्रवेश दिया जाएगा। मंत्री का बयान बिल्कुल सही है, गरबा मां की आराधना का पर्व है। इसमें सिर्फ उन्हीं को प्रवेश दिया जाना चाहिए जो मां भगवती की पूजा – पाठ में आस्था रखता हो। गरबा में अश्लील और फिल्मी गानों पर रोक लगाई जाना चाहिए।